शुक्रवार, 6 मार्च 2009

सत्यम1,सत्यम2,सत्यम3..और सत्यम हो गई....

सत्यम के  लिए बोली लगाने की प्रकिया को सेबी ने हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही सत्यम में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है। मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने सत्यम में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की इजाजत दे दी है। इसके लिए विदेशी कंपनियां भी बोली लगा पाएंगी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को  सत्यम के 31 फीसदी शेयर जारी किए जाएंगे। उसके बाद  कंपनी को  20 फीसदी शेयर ओपेन ऑफर के जरिए निवेशकों से खरीदना होगा।  ओपन ऑफर में सत्यम के हर शेयर की कीमत बोली वाली कीमत जितनी ही होगी। और अगर सत्यम को खरीदने वाली कंपनी ओपन ऑफर के जरिए पूरे 20 फीसदी शेयर खरीदने में नाकाम होगी तो उसे सत्यम के नए शेयर जारी किए जाएंगे। यानी कि सत्यम को खरीदने वाली कंपनी को 51 फीसदी हिस्सेदारी तक पहुंचने में ज्यादा कठिनाई का सामना नहीं करना होगा। हालांकि खरीदार कंपनी को सत्यम के शेयर 3 साल तक बेचने की इजाजत नहीं होगी। लेकिन अगर खऱीदार कंपनी चाहेगी तो सत्यम में अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से और ज्यादा बढ़ा सकती है। सत्यम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली की प्रक्रिया ग्लोबल होगी। हालांकि इस बोली में वही कंपनियां भाग ले पाएंगे जिसके पास 15 करोड़ डॉलर की संपत्ति होगी। सत्यम को खरीदने के लिए एल एंड टी, टेक महिंद्रा, स्पाइस ग्रुप, आईबीएम सहित कई देशी और विदेशी कंपनियां  लाइन में खड़ी हैं। और अब..जबकि मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने  सत्यम के लिए ग्लोबल कंपनियों को बोली लगाने की इजाजत दे दी है। साथ ही इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव भी की है। ऐसे में लगता है कि सत्यम को जरूर सही कीमत मिल जाएगी। क्योंकि इसका असर आज शेयर बाजार में दिख गया। जहां सत्यम के शेयर पर अपर सर्किट लग गया। यानी अगर ठीक ठाक बोली लगती है और सत्यम किसी बड़ी कंपनी के हाथों में बिकती है। तो एक बार फिर से सत्यम दुनिया की आईटी कंपनियों को टक्कर देती नजर आएगी।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

गुरू जी आपने जब शुभ लाभ का चंदन लगा दिया है तो जरूर सत्यम को अच्छे पैसे मिल जाएंगे!