शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

अरबों रुपए का आईपीएल

आईपीएल को हम इंडियन पैसा लीग कह सकते हैं क्योंकि इसमें लगे हैं अरबों रुपए। और आईपीएल टू को हम इंडियन प्रॉफिट लीग भी कह सकते हैं। क्योंकि इस साल आठ में से कुछ और टीम प्रॉफिट में आ सकती हैं। आईपीएल के हर पहलू से जुड़ चुका है पैसा। चाहे बॉलर हो या बैट्समैन। कुछ बॉलर के एक एक बॉल की कीमत है लाखों में। बैट्समैन करोड़ों में बिक रहे हैं। भले ही उन्हें मैच में क्रीज पर उतरने का मौका मिले या नहीं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आईपीएल टू में आठ टीमों में से ज्यादातर प्रॉफिट में आ जाएंगी। पिछले साल केवल दो टीम कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स प्रॉफिट कमा पायी थी। इसके पीछे एक मुख्य वजह थी शाहरूख खान.. जो कि कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक हैं। वहीं राजस्थान रॉयल ने टीम बनाने में कम खर्च किए थे। कोलकाता नाइट राइडर्स को 8 करोड़ का प्रॉफिट हुआ था। जबकि पहले आईपीएल के विजेता राजस्थान रॉयल्स को 5 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। पिछले साल करीब दो महीने चली थी ट्वेंटी ट्वेंटी मैच जो कि इस साल एक महीने में ही सिमट जाएगी। और अगर ऐसे में ज्यादातर टीम मालिक प्रॉफिट में आ जाते हैं तो ये एक अनोखा उदाहरण होगा। क्योंकि दूसरे किसी भी बिजनेस में तीन महीने का काम और एक साल समय ब्रेक इवेन के लिए बहुत कम है। और इसके पीछे वजह है क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी। जिसके चलते स्पांसर दिल खोल कर रुपए खर्च करने को तैयार हैं।  वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप ने 9 साल के लिए करीब 10000 करोड़ रुपए में आईपील का ग्लोबल टेलीकास्ट राइट्स खरीदा है। और उनके इन रुपयों को ध्यान में रखकर बीसीसीआई ने ज्यादा से ज्याद विज्ञापन के लिए हर 10 ओवर के बाद 7.5 मिनट के ब्रेक का प्रावधान रखा गया है वहीं बीसीसीआई ने पिछले साल के मुकाबले कमाई का ज्यादा हिस्सा आठों टीमों को देने का ऐलान किया है। यानी सेट मैक्स से होने वाली 330 करोड़ रुपए की कमाई से हर टीम को करीब 25 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसबार ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को स्टेडियम तक खींचने के लिए टिकट की कीमतें कम कर दी गई हैं। टिकटें मिल रही हैं 70 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक। हालाकि दक्षिण अफ्रीका के आठ शहरों में होने वाले आईपीएल टू के 90 फीसदी से ज्यादा टिकट बिक चुके हैं। ये मैच्स केप टाउन, जोहानिसबर्ग, डरबन, प्रिटोरिया, ईस्ट लंदन, पोर्ट एलिजाबेथ, ब्लोमफॉन्टेन और किंबर्ली में होंगे। इसबार स्टेडियम टिकट की बिक्री से 40-45 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद की जा रही है  जानकारों का मानना है कि इसबार टिकटों की बिक्री से होने वाली कमाई को आठों टीमों में बांट दिया जाएगा। आईपीएल में पैसा कमाने का पैमाना सिर्फ मैदान में खेल नहीं बल्कि मैदान के बाहर का खेल भी है। इसबार आईपीएल टू में सभी को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है चाहे वो टीम मालिक हो या ब्रॉडकास्टर। खिलाड़ी तो पहले से ही चांदी काट रहे हैं।

सोमवार, 13 अप्रैल 2009

बिक गई सत्यम

टेक महिंद्रा का टेकओवर सत्यम को मिल गया है नया है नया मालिक। टेक महिंद्रा ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर सत्यम को अपनी झोली में डाल लिया है। टेक महिंद्रा ने 58 रुपए प्रति शेयर की सबसे ऊंची बोली लगाई है। जो कि सबसे ज्याद थी। वहीं सत्यम में 12 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी एल एंड टी ने प्रति शेयर 45 रुपए 95 पैसे की बोली लगाई। यानी आगले कुछ दिनों में  कंपनी लॉ बोर्ड की मंजूरी के बाद सत्यम की बागडोर अब टेक महिंद्रा के हाथों में सौंप दी जाएगी। सत्यम की 51 फीसदी शेयर खरीदने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा को करीब 2890 करोड़ रुपए खर्च करना होगा। हालांकि फिलहाल टेक महिंद्रा को सत्यम के 31 फीसदी शेयर जारी किए जाएंगे। जिसके बाद सत्यम की बागडोर टेक महिंद्रा के हाथों में सौंप दी जाएगी। हालांकि इसके लिए टेक महिंद्रा को 1756 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। जिसके बाद कंपनी को 20 फीसदी शेयर ओपेन ऑफर के जरिए निवेशकों से खरीदना होगा। जानकारों का मानना है कि टेक महिंद्रा के लिए ये एक फायदे का सौदा साबित हो सकता है। क्योंकि टेक महिंद्रा काफी समय से अपना बिजनेस बढ़ाने के बारे में विचार कर रही थी। और सत्यम को खरीदने से अच्छा मौका टेक महिंद्रा के लिए कोई दूसरा नहीं हो सकता था। टेक महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी सत्यम को जीतने के बाद निश्चिंत दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि टेक महिंद्रा के लिए ये एक ऐतिहासिक दिन है। और काफी मेहनत के बाद वो सत्यम के इतने करीब पहुंच पाए हैं। सत्यम का साथ होना टेक महिंद्रा के लिए फायदे का सौदा होगा। क्योंकि पहले से ही यूरोप में अपने पैर जमा चुके टेक महिंद्रा के लिए अमेरिकी बाजार थाली में सजा हुआ मिल जाएगा। सत्यम के लिए बोली लगाने वालों में इंजीनियर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन और ट्रूब्रो और अमेरिकी अरबपति निवेशक विल्बर रॉस भी थे। लेकिन आनंद महिंद्रा की कंपनी टेक महिंद्रा ने सबको पछाड़ते हुए सत्यम पर पकड़ बना ली। यानी सत्यम की सवारी कर आने वाले दिनों में टेक महिंद्रा भारतीय आईटी सेक्टर में एक अलग पहचान कायम कर सकती है।

शनिवार, 11 अप्रैल 2009

नैनो लगाएगी टाटा की नैया पार

छोटी कार पर रूपयों की बरसात नैनो की बुकिंग हो गई है शुरु और टाटा के लिए है ये एक दुधारु गाय। मंदी और पैसे की कमी से परेशान टाटा मोटर्स नैनो की बुकिंग से ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करना चाहती है। नैनो का सपना पालनेवालों के पैसे के दम पर टाटा मोटर्स शायद अपनी परेशानियों पर पार पाना चाह रही है। देश में कारों की बिक्री में टाटा फिलहाल मारुति, ह्युंदे  जैसी कंपनियों से काफी पीछे है। ऐसे में नैनो ने टाटा को एक बड़ी राहत दे सकती है। लोगों को भले ही पहली खेप के नैनो से धूम मचाने को मौका मिले या नहीं उनके पैसों से टाटा मोटर्स जरूर धूम मचाने को तैयार हो रही है। मिसाल के तौर पर 300 रुपए के बुकिंग फॉर्म को ही ले लेते हैं। फिलहाल करीब 1 लाख फॉर्म बिक चुके हैं जिससे टाटा की करीब 3 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है। 25 अप्रैल तक करीब 5 लाख फॉर्म बिकने की उम्मीद की जा रही है। जिससे टाटा को 15 करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान हैं। फॉर्म के बाद अब बात करते हैं बुकिंग अमाउंट की। 25 तारीख तक नैनो की बुकिंग होगी। नैनो के तीनों मॉडल के लिए अलग अलग बुकिंग अमाउंट हैं। जो कि 95000 रुपए  से 1 लाख 40 हजार रुपए के बीच है। यानि प्रति नैनो की बुकिंग का एवरेज बुकिंग अमाउंट अगर 1 लाख भी मानें तो 5 लाख नैनो की बुकिंग से टाटा के पास 5000 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे। जो कि नैनो की लाटरी के नतीजे निकलने तक यानी करीब 3 महीने तक टाटा के पास रहेगी। इसके बाद जिन एक लाख लोगों के नाम ड्रॉ में निकलेंगे उन्हें ब्याज भी नहीं मिलेगा। भले ही नैनो उन्हें एक साल के अंदर मिले। यानी 1000 करोड़ रुपए एक साल तक टाटा के पास रहेंगे। पूरी रकम देकर नैनो की बुकिंग कराने वालों को नैनो नहीं मिलने पर 8.5 फीसदी ब्याज तभी मिलेगी जब नैनो की वेटिंग लिस्ट से वो अपना नाम वापस लेंगे। यही नहीं अगर आप 95000 रुपए बुकिंग अमाउंट जमा कराते हैं। और लॉटरी में आपका नाम नहीं निकलने पर अगर आप पैसे वापस चाहेंगे तो कंपनी 2999 रुपए एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज काटकर ही बाकी की रकम आपको लौटाएगी। नैनो से होने वाली कमाई को अगर छोड़ दें तो टाटा मोटर्स के पास करीब 500 करोड़ रुपए की ही नगदी बची थी। जिससे टाटा मोटर्स को देश और विदेश में अपने कारोबार को चलाने में काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है। पिछले साल ही  टाटा ने जगुआर और लैंड रोवर की भी खरीदारी की है। जिसका 10 हजार करोड़ रुपए कर्ज अभी भी टाटा के ऊपर बकाया है। जानकारों की मानें तो टाटा को अपने ऑटो कारोबार को चलाने के लिए फिलहाल कम से कम 7000 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है। ऐसे में लगता है कि नैनो ने टाटा का काम कुछ आसान कर दिया है। यानी कि नैनो के सपने बेचकर टाटा अपनी झोली भर रही है। भले ही लोगों को नैनो पर धूम मचाने का मौका अभी नहीं तीन साल बाद ही मिले। लेकिन उनके पैसों से टाटा मोटर्स अपना बिजनेस चमकाती रहेगी।

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

बीजेपी ने जारी किया ड्रीम घोषणा पत्र

क्या बीजेपी उठा पाएगी टैक्स का ये बोझ?! बीजेपी आज अपना लोक लुभावना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जिसमें वादों की झड़ी लगा दी गई है। वोट डालने लायक लगभग हर वर्ग के लोगों को इसमें शामिल कर लिया है। बीजेपी ने कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 3 लाख रुपए सलाना आमदनी पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को 3.5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं देना होगा। महिलाओं को भी 3.5 लाख तक की कमाई पर टैक्स नहीं लेने का वादा किया है। किसानों के लिए एग्रीकल्चर लोन मिलेगा अधिकतम 4 फीसदी ब्याज दर पर। सस्ते दरों पर होम लोन मिलेगा। पेंशन पर टैक्स नहीं लगेगा। ये सारे के सारे सपने बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में दिखाए हैं। बीजेपी की घोषणा पत्र में टैक्स पर छूट की जो सीमा रखी गई है। उससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा। ज्यादातर मिडिल क्लास जो कि इस देश में एक बड़ा वोट बैंक है उन्हें बीजेपी का लॉलीपाप लुभा सकता है। क्योंकि फिलहाल आम लोगों को सलाना 1.5 लाख रुपए तक की कमाई पर ही टैक्स की छूट दी गई है। जो कि बीजेपी के सरकार में आते ही 3 लाख तक पहुंच जाएगी। वहीं महिलाओं को अभी 1 लाख 80 हजार रुपए तक की सलाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन बीजेपी कहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो महिलाओं को 3.5 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। सीनियर सिटिजन को भी बीजेपी ने राहत देते हुए अपने ऐजेंडे में शामिल किया है। सीनियर सिटिजन को भी महिलाओं की तरह 3.5 लाख रुपए तक की कमाई पर टैक्स में छूट देने की बात बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में की है। सीनियर सिटिजन को फिलहाल 2 लाख 25 हजार रुपए की सलाना कमाई पर टैक्स नहीं देना होता है। बीजेपी ने लगभग सभी वर्ग के वोटरों को रिझाने की कोशिश की है। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में सीनियर सिटिजर को कुछ ज्यादा ही ख्याल रखा है। बीजेपी ने कहा कि जब उनकी सरकार बनेगी तो 65 की बजाय 60 साल की उम्र से ही बुजुर्गों को यात्रा में सीनियर सिटिजन तहत मिलने वाली छूट दी जाएगी। इतना ही नहीं सीनियर सिटीजन के पेंशन को टैक्स फ्री करने का बीजेपी ने वादा किया है। बीजेपी ने जवानों का खास ख्याल रखते हुए अपनी घोषणा पत्र में सैन्य बलों और अर्धसैनिक बलों को इनकम टैक्स से मुक्त करने की बात की है। इसके साथ ही फ्रिंज बेनिफिट टैक्स सहित कई तरह के वित्तीय छूट की बात बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में की है। लेकिन इस तरह की तमाम छूट और रियायत तभी हकीकत का रुप ले पाएगी जब बीजेपी सरकार में आएगी। हालांकि बीजेपी अपने लॉलीपॉप जैसे घोषणा पत्र के जरिए वोटरों को एकबार सोचने पर जरूर मजबूर कर दिया है।