शनिवार, 9 मई 2009

नैनो की बुकिंग टांय टांय फिस्स

दुनिया की सबसे सस्ती लखटकिया कार की बुकिंग उत्साहजनक नहीं रही। इसे देखा करोड़ों लोगों ने लेकिन केवल दो लाख के करीब लोग ही इसकी बुकिंग की हिम्मत दिखा पाए। जी हां,17 दिनों की लंबी बुकिंग प्रक्रिया और देशभर में करीब 30000 आउटलेट खोलने के बावजूद सिर्फ 2 लाख 3 हजार नैनो की ही बुकिग हो पायी। इसके पीछे एक-दो नहीं बल्कि कई कारण हैं।  सबसे पहली और अहम वजह ये है कि नैनो को लॉटरी से दिया जाना।  यानी जिन लोगों ने खरीदारी का मन बना लिया उन्हें भी लॉटरी में अपने भाग्य का इंतजार करना होगा। ऐसे में ज्यादातर लोग नैनो की रेस से बाहर हो गए। 95000 से 1 लाख 40 हजार जैसे भारी भरमक बुकिंग अमाउंट ने भी लोगों को नैनो से दूर किया। यही वजह है 300 के फॉर्म कई लोगों ने खरीदे लेकिन उसे जमा किया बहुत कम लोगों ने। हर 6 में से केवल 2  लोग ही बुकिंग के लिए आगे आए। नैनो की कम बुकिंग की तीसरी वजह है टेस्ट ड्राईव के लिए इसका लोगों के हाथ नहीं आना। आमतौर पर कार खरीदने वाले ज्यादातर लोग कार खरीदने से पहले उसकी टेस्ट ड्राईव जरूर करना चाहते हैं। ताकि उन्हें फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस मिल सके। इसके अलावा ज्यादातर लोग ऑन रोड एक्सपीरियंस देखना चाहते हैं। नैनो की ज्यादा बुकिंग नहीं होने के पीछे एक और अहम वजह है ऑन रोड इसकी कीमत का ज्यादा होना। यही वजह है कि जिस दोपहिया चालकों को टार्गेट कर नैनो को लांच किया गया वही इसकी बुकिंग प्रक्रिया से दूर है। टाटा नैनो की बुकिंट ट्रेंड से ये साफ देखने को मिल रहा है। दो लाख से ज्यादा नैनो की बुकिंग हुई है और इसमें से 1 लाख से ज्यादा लग्जरी मॉडल यानी सीएक्स मॉडल लेना चाहते हैं। कंपनी को अब बस यही आस है कि जब नैनो सड़कों पर और गलियों में घूमेगी तो लोगों को ज्यादा से ज्यादा लुभा पाएंगे।

5 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

शायद यही वजह होगी.

संगीता पुरी ने कहा…

मंदी ही इसकी वजह भी तो नहीं ?

hem pandey ने कहा…

कुछ भी हो नैनो ने सड़क में उतरने के पहले ही मारुती ८०० का कबाड़ा कर दिया है.

Gaurang_Arora ने कहा…

संगीता जी का कहना ठीक है. मंदी ही इसकी सबसे बड़ी वजह है.

जितेन्द्र सिंह यादव ने कहा…

नैनो हो गयी आँखों की नैना. लिहाजा लोगों की दिलचस्पी कम हो गयी है. बांकी टाटा ने तो कमाई कर ही लिया है.