बुधवार, 3 जून 2009

जनरल मोटर्स हुई दिवालिया

अमेरिका की शान समझी जाने वाली पिछले साल तक कार बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी जनरल मोटर्स का निकल गया दिवालिया। करीब 100 सालों तक अमेरिका का झंडा बुलंद करने वाली इस कंपनी ने कर्ज के तले दम तोड़ दिया। जीएम यानी जेनरल मोर्टस की दुनियाभर के कार बाजार में कभी तूती बोलती थी। इस कंपनी का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। आज से करीब 100 साल पहले 1908 में जनरल मोटर्स की नींव रखी गई। और केवल 23 साल में ही जनरल मोटर्स बन गई दुनियाभर में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी। और तब से लगातार 77 सालों तक इसने ग्लोबल कार बाजार पर अपनी बादशाहत बनाए रखी। लेकिन अमेरिकी मंदी ने जनरल मोटर्स की नींव हिला कर रख दी। मंदी की तूफान ने पहले सबसे ज्यादा कार बेचने का ताज जेनरल मोटर्स के सर से उड़ा दिया। 1931 से 2007 तक नंबर एक बने रहने के बाद 2008 में जेनरल मोटर्स के सर से दुनियाभर में सबसे ज्यादा कार बनाने का ताज जापानी कंपनी टोयोटा ने  छीन ली। और इसके ठीक एक साल बाद जनरल मोटर्स दिवालिया हो गई। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने जीएम की स्टेयरिंग अपने हाथ में ले ली है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जीएम को फिर से पटरी पर लाने के लिए 60 अरब डॉलर खर्च करने का ऐलान किया है। लेकिन अब अगर जीएम रफ्तार पकड़ भी लेती है तो जापान और कोरिया के दिग्गज ऑटो कंपनियों को ओवरटेक करने में उसे काफी साल लग जाएंगे। फिलहाल तो जीएम से जुड़ी तमाम घाटे वाली कंपनियों और गाड़ियों को बेचने की तैयार में लग चुकी है अमेरिकी सरकार। जनरल मोटर्स करीब 34 देशों में अपनी कार और ट्रक बनाती है। जिसे करीब 140 देशों में बेचती है। जनरल मोटर्स ने दुनियाभर में करीब 2.5 लाख लोगों को रोजगार दे रखा है। लेकिन आज जेनरल मोटर्स की कुल संपत्ति से ज्यादा उसपर कर्ज बकाया है। जेनरल मोटर्स के पास फिलहाल 82 अरब डॉलर की संपत्ति है लेकिन कंपनी पर 172 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है। अमेरिकी इतिहास में किसी कंपनी के दिवालिया होने की ये चौथी बड़ी घटना है। जेनरल मोटर्स के दिवालिया होने से अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री के एक युग का अंत हो गया है। 

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

ये तो होना ही था