बुधवार, 3 जून 2009

ए राजा...टेक IT सीरियसली

ग्लोबल मंदी के इस माहौल में आईटी सेक्टर में चुनौतियां ही चुनौतियां हैं। क्योंकि ये एक ऐसा सेक्टर है जिसका ज्यादातर बिजनेस दुनिया के दूसरे देशों से जुड़ा हुआ है। इसलिए  भारत में सबकुछ ठीक भी हो जाने पर और अर्थव्यवस्था को पटरी पर आ जाने के बाद भी इस मंत्रालय के सामने चुनौतियों की कमी नहीं होगी। सबसे पहली और अहम चुनौती होगी।  अमेरिका के साथ बीपीओ बिजनेस को पटरी पर लाना। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन कंपनियों को टैक्स में छूट देने से मना कर दिया है जो अपना काम भारतीय कंपनियों से करवाती हैं। ऐसे में भारतीय बीपीओ इंडस्ट्री को काफी बड़ा झटका लगा है। अब जरूरत है लो कॉस्ट बिजनेस डिलेवरी मॉडल की। तभी टैक्स छूट नहीं लेकर भी अमेरिकी कंपनियां भारत में अपना काम आउटसोर्स कर पाएंगी। भारत के कुल आउटसोर्सिंग कारोबार का करीब 60 फीसदी हिस्सा अमेरिका के साथ जुड़ा है। इसके साथ ही भारतीय आईटी इंडस्ट्री को दुनियाभर में अपनी कॉरपोरेट गवर्नेंस की छवि में सुधार करना होगा। क्योंकि सत्यम घोटाले के बाद भारतीय आईटी इंडस्ट्री के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर दुनियाभर में सवाल उठने लगे हैं। भारतीय आईट इंडस्ट्री को रुपए और डॉलर के खेल की वजह से बार बार झटका लगता है। डॉलर के मुकाबले रुपए के मजबूत होते ही आईटी इंडस्ट्री का बुरा हाल हो जाता है। कंपनियों के मार्जिन और प्रॉफिट में कमी हो जाती है। इसलिए कंपनियों को हेजिंग और अमेरिका पर से अपनी निर्भरता कुछ कम करनी होगी। साथ ही आईटी सेक्टर्स को ऐसे सॉल्यूशन तैयार करने होंगे जो कि इस समय के  दुनिया के कई अहम मुद्दों जैसे एनर्जी, सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज में काम आ पाए। तभी आईटी इंडस्ट्री को अगले दौर में ले जाया जा सकेगा। देश में आईटी का विस्तार भी आईटी मंत्रालय के सामने एक चुनौती होगी। देश में गांव गांव तक आईटी के विस्तार के लिए आसान और सस्ती टेक्नोलॉजी पर काम करना होगा। नए आईटी मंत्री ए राजा को इन सभी बातों का ख्याल रखना होगा।  तभी भारतीय आईटी इंडस्ट्री की तूती दुनिया भर बोलती रहेगी। और अगर इसमें कहीं भी चूक होती है तो भारत को मिलने वाला कारोबार फिलिपिंस, नाइजीरिया और पूर्वी यूरोप देशों में शिफ्ट हो सकते हैं। लेकिन कौड़ियों के भाव टू जी स्पेक्ट्रम की निलामी कर सरकार को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले ए राज इन चुनौतियों का किस तरह से सामना करते हैं ये तो आने दिनों में ही पता चल पाएगा।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

राजा जी ने तो वीएसएनएल के वाइमैक्स के टेंडर के लिए 6 ऐसी कंपनियों का नाम शार्टलिस्ट कर दिया जो उनके खुद के रिलेटिव का है और कुछ ही दिनों पहले बनी है..यानी वीएसएऩएल का करोड़ों रुपए का चूना लगाने की तैयारी राजा जी ने कर ली थी। लेकिन मीडिया में बात आने के बात इस टेंडर को कैंसिल किया गया।