शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

मिल गए रिलायंस के कुल गैस के खरीदार

भले ही रिलायंस के केजी बेसिन से निकलने वाले गैस की कीमतों को लेकर अभी भी उहापोह की स्थिति बनी हुई हो लेकिन इस बेसिन से निकलने वाले अतिरिक्त गैस के बंटवारे पर मंत्रियों के समूह ने फैसला सुना दिया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के समूह ने सबसे ज्यादा गैस पावर सेक्टर को देने पर मुहर लगा दी है। पावर सेक्टर को रिलायंस के कुल अतिरक्त गैस का दो तिहाई हिस्सा दिया जाएगा। मंत्रियों के समूह ने 50 मिलियन यूनिट गैस के बंटवारे पर मुहर लगाई है। और इसे दो हिस्से में बांटा है। 20 मिलियन यूनिट गैस फर्म बेसिस पर दिया जाएगा। यानी जिस सेक्टर के नाम तय कर दिए गए हैं उसे गैस मिलना तय है। वहीं 30 मिलियन यूनिट गैस टेम्परोरी बेसिस पर देने का फैसला किया गया है। यानी उत्पादन होने पर उन्हें गैस दी जाएगी। फर्म बेसिस पर पावर सेक्टर को 13 मिलियन यूनिट गैस दी जाएगी। जबकि रिफाइनरी को 5.384 मिलियन यूनिट गैस मिलेगी। वहीं पेट्रोकेमिकल्स को 1.918 मिलियन यूनिट गैस आवंटित की गई है। फर्टिलाइजर सेक्टर के लिए 0.178 मिलियन यूनिट गैस देने की बात कही गई है। वहीं स्टील सेक्टर को 0.44 मिलियन यूनिट गैस दी जाएगी। टेम्परोरी बेसिस पर पावर सेक्टर को 12 मिलियन यूनटि गैस दी जाएगी। जबकि कैपटिव पावर प्लांट को 10 मिलियन यूनिट गैस दी जाएगी। वहीं सिटी गैस पावर प्लांट को टेम्परोरी बेसिस पर 2 मिलियन यूनिट गैस दी जाएगी। और रिफाइनरी को 6 मिलियन यूनिट गैस मिलेगी। आने वाले दिनों में रिलायंस के केजी बेसिन के डी 6 ब्लॉक से गैस के उत्पादन में जबरदस्त तेजी देखने को मिलेगी। औऱ इस तेजी के पीछ छोटे भाई अनिल अंबानी के आरोप का भी अहम योगदान है। अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश अंबानी की कंपनी पर जानबूझकर गैस कम उत्पादन करने का आरोप लगाया था। डी 6 ब्लॉक से हर दिन अधिकतम 90 मिलियन यूनिट गैस की उत्पादन हो सकती है। जिसके खरीदारों की लिस्ट तैयार कर दी गई है। 40 मिलियन यूनिट गैस पहले ही पावर और यूरिया सेक्टर को आवंटित किया जा चुका है। बाकी बचे 50 मिलियन यूनिट गैस के भी खरीदार तय हो गए हैं। फिलहाल रिलायंस 40 मिलियन यूनिट गैस का उत्पादन हर दिन कर रही है। और दिसंबर तक ये बढ़कर 60 मिलियन यूनिट तक पहुंच जाएगा। उसके बाद ये अपने अधिकतम स्तर 90 मिलियन यूनिट प्रति दिन तक पहुंच सकता है। अब केवल इंतजार है प्रोडक्शन बढ़ने और कीमत तय होने की।

रॉबिन रैना: ग्रोथ का रॉबिन हुड

फास्टेस्ट ग्रोथ वाली फॉर्च्यून 100 कंपनियों में एबिक्स नं.4 कंपनी की शुरुआत करना ही अपने आप में एक बड़ी बात होती है। फिर उसको सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का पसीना बहाना पड़ता है। और बड़ी मुश्किल औऱ मेहनत के बाद 1 फीसदी से भी कम कंपनियां सफलता का स्वाद चख पाती हैं। और अगर फॉर्च्युन की लिस्ट में जगह बनाने की बात करें तो दशकों तक चलने के बाद भी बड़ी मुश्किल से हजारों में से कोई एक कंपनी फॉर्च्युन की लिस्ट में अपनी जगह बना पाती है। और अगर कोई कंपनी फॉर्च्युन की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब होती है तो उसे दुनियाभर में एक बड़ी बात मानी जाती है। लेकिन एक अप्रवासी भारतीय रॉबिन रैना की कंपनी ने बिजनेस जगत में ऐसा कर दिखाया है। रॉबिन की सॉफ्टवेयर कंपनी ने ग्रोथ के मामले में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, नोकिया जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। एबिक्स दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली कंपनियों की लिस्ट में शुमार हो गई है। - सबसे तेज ग्रोथ वाली फॉर्च्युन 100 कंपनियों की लिस्ट में एबिक्स को चौथे स्थान पर रखा गया है। एबिक्स दुनियाभर में ऑन डिमांड सॉफ्टवेयर और ई कॉमर्स सॉल्युशन मुहैया कराती है। - जबिक पहले नंबर पर है कनाडा की कंपनी रिम, जो कि ब्लैकबेरी फोन बनाती है । - वहीं दूसरे नंबर पर है चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिग्मा डिजाइन।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्लू रे की बढ़ती मांग का फायदा इस कंपनी को मिल रहा है। - तीसरे पायदान पर है एक चाइनीज कंपनी शोउ डॉट कॉम । इस कंपनी का अपना एक सर्च इंजन है साथ ही इसकी चांगयोऊ गेम साइट बहुत तेजी से बढ़ रही है। - आईफोन और आईपॉड बनाने वाली कंपनी एप्पल है 35वें स्थान पर। - जबकि दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन चलाने वाली कंपनी गूगल है 68वें पायदान पर। - फॉर्च्युन की सबसे तेज बढ़ने वाली 100 कंपनियों में केवल एक भारतीय कंपनी इंफोसिस को शामिल किया गया है। इंफोसिस आखिरी स्थान पर यानी 100वें नंबर पर है। एक अप्रवासी भारतीय की कंपनी एबिक्स ने ना केवल भारत की सभी कंपनियों को ग्रोथ के मामले में पीछे छोड़ा है बल्कि दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों को भी पानी पिला दिया है। एबिक्स ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, नोकिया और एप्पल जैसी दुनिया की नामी गिरामी कंपनियों को ग्रोथ के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है। एबिक्स ने दुनियाभर में तेजी से बढ़ने वाले इंश्योरेंस सेक्टर को टार्गेट किया है। जिसका फायदा इस कंपनी को मिलने लगा है। शायद यही वजह है कि फॉर्च्युन ने दुनिया में निवेश के लिए सबसे बेहतर कंपनियों की लिस्ट में एबिक्स को दूसरे नंबर पर रखा है। एबिक्स इंश्योरेंस एक्सचेंज का भी काम करती है। एबिक्स को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में कंपनी के सीईओ रॉबिन रैना का अहम योगदान रहा। अप्रवासी भारतीय रॉबिन रैना अमेरिका के अटलांटा से एबिक्स को चलाते हैं। एबिक्स दुनियाभर में ऑन डिमांड सॉफ्टवेयर की सप्लाई करती है। साथ ही दुनियाभर में इंश्योरेंस सेक्टर के लिए ई कॉमर्स सर्विस भी मुहैया कराती है। एबिक्स की भारत, सिंगापुर, अमेरिका,न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सिहत दुनियाभर में फिलहाल 23 ऑफिसेस हैं। आने वाले दिनों में भारत में जैसे जैसे इंश्योरेंस सेक्ट में तेजी एबिक्स की पकड़ इस इंडस्ट्री पर और मजबूत होगी।

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान

महंगाई और ग्रोथ के बीच तालमेल की कोशिश रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। क्रेडिट पॉलिसी की दूसरी तिमाही की समीक्षा करते हुए रिजर्व बैंक ने किसी भी अहम दरों के साथ छेड़ छाड़ नहीं किया है। - केवल एसएलआर में 1 फीसदी का इजाफा किया है । जिससे एसएलआर 24 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी पर पहुंच गया है। - एसएलआर में एक फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से सिस्टम से 30000 करोड़ रुपए बाहर हो जाएंगे। - और इससे सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने में मददद मिलेगी। - बैंक रेट, सीआरआर, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। - सीआरआर 5 फीसदी, रेपो रेट 4.75 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 3.2 फीसदी और बैंक रेट 6 फीसदी पर बना रहेगा। - रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2010 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6 फीसदी रहने का अनुमान लगया है। - जबकि रिजर्व बैंक ने अगले साल मार्च तक महंगाई दर के 6.5 फीसदी पर पहुंचने की आशंका जताई है। हालांकि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी रिजर्व बैंक के जीडीपी विकास दर के अनुमान से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि रिजर्व बैंक ने विकास दर के जो अनुमान लगाए हैं वो कुछ ज्यादा ही कंजरवेटिव हैं। औद्योगिक चैंबर्स में क्रेडिट पॉलिसी को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है। महंगाई और ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए आरबीआई इस क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया है। ग्रोथ में जान फूंकने के लिए ज्यादातर अहम दरों को नहीं टच किया गया है। क्योंकि मंदी के बाद मॉनसून में कमी और देश के कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति से कृषि क्षेत्र पर असर पड़ने की आशंका है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की कमाई कम हो सकती है। और इसका असर ये होगा कि पहले से सुस्त पड़ा डिमांड और सुस्त हो जाएगी। ऐसे में अहम दरों को नहीं छूते हुए केवल एसएलआर बढ़ाकर आरबीआई ने महंगाई पर कुछ लगाम कसने की कोशिश की है। साथ ही ग्रोथ का रास्ता भी खुला रखा है।

शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

9 बजे से 5 बजे तक खरीदो शेयर!

मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने शेयर बाजार के कारोबार समय में ढील देते हुए इसे 9 बजे सुबह से 5 बजे शाम तक बढ़ाने की इजाजत दे दी है। काफी समय से बीएसई,एनएसई कारोबार के समय की सीमा में छूट की मांग कर रहे थे। समय सीमा बढ़ने से ज्यादातर निवेशकों को फायदा होगा। निवेशक यूरोपीय बाजार के खुलने के बाद ज्यादा समय तक भारतीय बाजार में कारोबार कर पाएंगे। साथ ही अपने काम निपटाकर आराम से बाजार में खरीद फरोख्त कर पाएंगे। फिलहाल भारतीय शेयर बाजार सुबह 9.55 में खुलते हैं और शाम को 3.30 बजे बंद हो जाते हैं। हालांकि बीएसई या एनएसई ने फिलहाल समय सीम बढ़ाने का ऐलान नहीं किया है। लेकिन सेबी की हरी झंडी मिल जाने के बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा कि जल्द ही दोनों एक्सचेंज इसकी घोषणा करेंगे।

सरकार को 60 हजार करोड़ का चूना!

सरकारी पैसा चूसने वाला वाला राजा का मनी आर्ट स्टांस टेलिकॉम मिनिस्ट ए राजा ने जनवरी 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम और टेलीकॉम सर्विस शुरू करने का लाइसेंस कौड़ियों के भाव कंपनी को बांट दिए। इससे सरकार को करीब 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राजा ने ऐसा क्यों किया और इससे राजा को क्या मिला साथ ही क्यों इतनी कम कीमत पर लाइसेंस बांटी गई इसकी जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई रात दिन एक कर छापे मार रही है। कल देशभर में करीब 19 जगहों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं। वहीं परसो संचार भवन पर भी सीबीआई ने छापे मार कर कुछ अहम दस्तावेज हासिल किए हैं। वर्ष 2001 में फिक्स की गई कीमत पर राजा ने जनवरी 2008 में लाइसेंस और स्पेक्ट्रम को लुटा दिया। जबकि 7 सालों में टेलीकॉम क्षेत्र में आई क्रांती की वजह से और दुनियाभर की कंपनियों की भारत पर नजर होने से कीमतें कई गुणा ज्यादा होनी चाहिए थी। लेकिन राजा ने पुरानी कीमत पर ही लाइसेंस पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बेच दिया। कीमतों में अनदेखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि है जिन कंपनियों ने लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदे उसके कुछ दिनों बाद ही कई गुणा ज्यादा कीमत पर उसे बेच दिया। यानी बाजार में कई गुणा ज्यादा कीमत पर लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदने वाले मौजूद थे लेकिन टेलीकॉम मंत्री ए राजा ने उनकी सुध नहीं ली। स्वान ने 1537 करोड़ रुपए में देश के 13 सर्किल में टेलीकॉम सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस खरीदा। और एक महीने के अंदर इसका 45 फीसदी हिस्सा सउदी अरब की कंपनी अतिसलत को 4500 करोड़ रुपए में बेच दिया। ठीक इसीतरह रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को 22 सर्किल में टेलीकॉम सर्विस शुरू करने के लिए केवल 1651 करोड़ रुपए में लाइसेंस बेच दिया गया। यूनिटेक ने इसका केवल 60 फीसदी हिस्सा नार्वे की कंपनी टेलीनॉर को 6120 करोड़ में बेच लिया। इन दो उदाहरणों को देखकर तो यही लगता है कि ए राजा ने कौड़ियों के भाव लाइसेंस बांटे हैं जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ए राजा डीएमके पार्टी से हैं जो कि केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी है। और सीबीआई भी केंद्र सरकार ही संभालती है। ऐसे में कुछ खास रिजल्ट की संभावना नहीं दिख रही है। यूपीए से डीएमके को बाहर करने के बाद ही इस महा घोटाने की जड़ तक पहुंचना केंद्र सरकार के लिए संभव हो पाएगा।

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2009

लो आ गया विंडोज 7

माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 7 लांच कर दिया है। विंडो 7 कई आधुनिक तकनीक से लैस है।माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स को अपने इस विंडो से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि विंडो 7 एक बार फिर से कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला देगा। तीन साल पहले आए विंडोज विस्टा के सुपर फ्लॉप शो के बाद विंडोज-7 के बारे में जो शुरुआती सिग्नल मिले हैं, वे बेहद उत्साहजनक हैं। जो करिश्मा आपने आई-फोन पर देखा है वो अब आपके लैपटॉप या पीसी की स्क्रीन पर दिखेगा। आइए हम आपको बताते हैं विंडोज 7 से सात सबसे अहम फीचर्स क्या हैं। - इसे बंद करने और स्टार्ट करने में लगेगा कम वक्त - इसमें है टच स्क्रीन की सुविधा यानी अपकी उंगली काम करेगी माउस का - विंडो सेवन में फाइल्स को पासवर्ड से प्रोटेक्ट कर होम ग्रुप के साथ शेयर करने की सुविधा है - किसी भी ड्राइव में सेव की गई फाइलों को आप एक क्लिक से एक्सेस कर पाएंगे - विंडो सेवन में है ज्यादा जरूरी आइकन जोड़ने की सुविधा है। साथ ही माउस टच से विंडो प्रिव्यू करने की सुविधा है - विंडो 7 में पसंदीदा प्रोग्राम की लिस्ट सीधे एक्सेस की जा सकती है। साथ ही एक्सप्लोरर-8 पर वेबसाइट्स की लिस्ट देख सकते हैं - यही नहीं विंडो सेवन में मोबाइल, कैमरा, प्रिंटर के साथ पीसी का आसान कनेक्शन की भी सुविधा है विंडो सेवन आपके कमप्यूटर एक्सपीरियंस को और अनोखा बना देगा। टचस्क्रीन वाले कंप्यूटरों पर नया यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा और माउस और की-बोर्ड के अलावा स्क्रीन को छूकर भी आप काम कर सकेंगे। साथ ही पीसी को पहले से ज्यादा तेज, सेफ और स्मार्ट बनाने के लिए भी इसमें बहुत से फीचर्स हैं। विंडोज-7 आने वाले दिनों में कम्प्युटर्स की दुनिया में एक अलग खिड़की खोलेगा। जो कम्प्यूटर ऑपरेंटिंग सिस्टम को एक नई बुलंदी तक पहुंचाएगा। कंपनी को उम्मीद है कि विंडो विस्टा की असफलता से माइक्रोसॉफ्ट को जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई विंडोज 7 से हो पाएगी।