शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

रॉबिन रैना: ग्रोथ का रॉबिन हुड

फास्टेस्ट ग्रोथ वाली फॉर्च्यून 100 कंपनियों में एबिक्स नं.4 कंपनी की शुरुआत करना ही अपने आप में एक बड़ी बात होती है। फिर उसको सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का पसीना बहाना पड़ता है। और बड़ी मुश्किल औऱ मेहनत के बाद 1 फीसदी से भी कम कंपनियां सफलता का स्वाद चख पाती हैं। और अगर फॉर्च्युन की लिस्ट में जगह बनाने की बात करें तो दशकों तक चलने के बाद भी बड़ी मुश्किल से हजारों में से कोई एक कंपनी फॉर्च्युन की लिस्ट में अपनी जगह बना पाती है। और अगर कोई कंपनी फॉर्च्युन की लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब होती है तो उसे दुनियाभर में एक बड़ी बात मानी जाती है। लेकिन एक अप्रवासी भारतीय रॉबिन रैना की कंपनी ने बिजनेस जगत में ऐसा कर दिखाया है। रॉबिन की सॉफ्टवेयर कंपनी ने ग्रोथ के मामले में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, नोकिया जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। एबिक्स दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली कंपनियों की लिस्ट में शुमार हो गई है। - सबसे तेज ग्रोथ वाली फॉर्च्युन 100 कंपनियों की लिस्ट में एबिक्स को चौथे स्थान पर रखा गया है। एबिक्स दुनियाभर में ऑन डिमांड सॉफ्टवेयर और ई कॉमर्स सॉल्युशन मुहैया कराती है। - जबिक पहले नंबर पर है कनाडा की कंपनी रिम, जो कि ब्लैकबेरी फोन बनाती है । - वहीं दूसरे नंबर पर है चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिग्मा डिजाइन।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ब्लू रे की बढ़ती मांग का फायदा इस कंपनी को मिल रहा है। - तीसरे पायदान पर है एक चाइनीज कंपनी शोउ डॉट कॉम । इस कंपनी का अपना एक सर्च इंजन है साथ ही इसकी चांगयोऊ गेम साइट बहुत तेजी से बढ़ रही है। - आईफोन और आईपॉड बनाने वाली कंपनी एप्पल है 35वें स्थान पर। - जबकि दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन चलाने वाली कंपनी गूगल है 68वें पायदान पर। - फॉर्च्युन की सबसे तेज बढ़ने वाली 100 कंपनियों में केवल एक भारतीय कंपनी इंफोसिस को शामिल किया गया है। इंफोसिस आखिरी स्थान पर यानी 100वें नंबर पर है। एक अप्रवासी भारतीय की कंपनी एबिक्स ने ना केवल भारत की सभी कंपनियों को ग्रोथ के मामले में पीछे छोड़ा है बल्कि दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों को भी पानी पिला दिया है। एबिक्स ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, नोकिया और एप्पल जैसी दुनिया की नामी गिरामी कंपनियों को ग्रोथ के मामले में काफी पीछे छोड़ दिया है। एबिक्स ने दुनियाभर में तेजी से बढ़ने वाले इंश्योरेंस सेक्टर को टार्गेट किया है। जिसका फायदा इस कंपनी को मिलने लगा है। शायद यही वजह है कि फॉर्च्युन ने दुनिया में निवेश के लिए सबसे बेहतर कंपनियों की लिस्ट में एबिक्स को दूसरे नंबर पर रखा है। एबिक्स इंश्योरेंस एक्सचेंज का भी काम करती है। एबिक्स को इस ऊंचाई तक पहुंचाने में कंपनी के सीईओ रॉबिन रैना का अहम योगदान रहा। अप्रवासी भारतीय रॉबिन रैना अमेरिका के अटलांटा से एबिक्स को चलाते हैं। एबिक्स दुनियाभर में ऑन डिमांड सॉफ्टवेयर की सप्लाई करती है। साथ ही दुनियाभर में इंश्योरेंस सेक्टर के लिए ई कॉमर्स सर्विस भी मुहैया कराती है। एबिक्स की भारत, सिंगापुर, अमेरिका,न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सिहत दुनियाभर में फिलहाल 23 ऑफिसेस हैं। आने वाले दिनों में भारत में जैसे जैसे इंश्योरेंस सेक्ट में तेजी एबिक्स की पकड़ इस इंडस्ट्री पर और मजबूत होगी।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

raina is a pride for india.