मंगलवार, 2 अगस्त 2011

उद्योगपतियों की गोद में सरकार

आर्थिक सीमा पर लगातार मात खा रही सरकार को आखिरकार उद्योगपतियों की शरण में जाना पड़ा। औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए के लिए सरकार को उद्योगपतियों के सामने घुटने टेकने पड़े। आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आनन-फानन में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने देश के दिग्गज उद्योगपतियों के साथ मुलाकात की। और सुधार के उपायों पर चर्चा की। लगातार हो रही मांग में कमी और देश में एक और मंदी की लटक रही तलबार से निजात पाने के लिए वित्त मंत्री को देश के उद्योगपतियों की शरण में जाना पड़ा। इंफोसिस के चीफ मेंटर नारायण मूर्ति, रतन टाटा, अनिल अंबानी, आनंद महिंद्र और सुनील भारती मित्तल सहित करीब दर्जन भर देश के दिग्गज उद्योगपतियों के सामने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने देश की समस्या को रखा। और इसे दूर की सलाह मांगी। उद्योगपतियों से 5 सुझाव मांगे गए हैं। और इसके लिए उन्हें 4 हफ्ते का समय दिया गया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इंडस्ट्री ने सकारात्मक उपाय सुझाए हैं..और सरकार उद्योगपतियों के साथ मिलकर सभी सम्याओं को दूर कर लेगी। औद्योगिक विकास में हो रही लगातार कमी सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। इसके साथ ही जीडीपी विकास दर को भी 8 फीसदी से नीचे खिसकने की आशंका सरकार को सता रही है। ऐसे में सरकार उद्योग में तेजी लाने के लिए उद्योगपतियों से अपील कर करी है। भारतीय एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा कि सभी मुद्दों पर सरकार ने पारदर्शिता के साथ बात की है..और सरकार भारतीय उद्योग के साथ है...अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने उद्योग में तेजी लाने की मांग की है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी आनंद महिंद्रा ने कहा कि सरका उद्योगपतियों एक साथ मिलकर दूसरे रिफॉर्म की तैयारी में हैं। लेकिन भ्रष्टाचार,महंगाई जैसे कैई फ्रंट पर चित हो चुकी सरकार दूसरा रिफॉर्म कैसे लाएगी फिलहाल इसका कोई उपाय नहीं बताया है। क्योंकि महंगाई और तेजी से बढ़ते ब्याज दरों की वजह से ऑटो, हाउसिंग, सहित दूसरे तमाम इंडस्ट्रीज़ उत्पादों की मांग में जबरदस्त कमी आई है। जिससे ना केवल रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। बल्कि देश की ग्रोथ रेट पर भी इसका असर पड़ रहा है।

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