बुधवार, 14 सितंबर 2011

1 साल के उच्चतम स्तर पर महंगाई

सरकार की महंगाई रोकने की तमाम कोशिशें विफल साबित हो रही हैं। महंगाई दर बढ़कर एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। अगस्त में महंगाई दर में आधा फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। और ये बढ़कर 9.78 फीसदी पर पहुंच गई है। महंगाई की मार से आम लोग परेशान हैं। खाने-पीने की तमाम चीजें हफ्ते दर हफ्ते महंगी होती जा रही हैं। महंगाई दर को लेकर सरकार की मुसीबतें बढती जा रही है। क्योंकि महंगाई दर डबल डिजिट यानी दहाई अंक के करीब पहुंच चुकी है। महंगाई बढ़ने का अनुमान तो बाजार को भी था। लेकिन महंगाई दर में अनुमान से ज्यादा इजाफा हुआ है। अगस्त महीने में महंगाई दर बढ़कर 9.78 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले महीने में ये दर 9.22 फीसदी थी। प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर में 1.25 फीसदी का बढ़ोतरी दर्ज की गई है। और ये 12.50 फीसदी के पार पहुंच गई है। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.75 फीसदी पर है। वहीं फ्यूल ग्रुप की महंगाई दर 13 फीसदी के करीब पहुंच गई है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी लगातार बढ़ती महंगाई पर फिक्र जाहिर की है। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि दुनियाभर में कमोडिटी की कीमतें बढ़ने से महंगाई पर दबाव है। लगातार बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक एक बार फिर सख्त क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर सकता है। जानकारों का मानना है कि 16 सितंबर को होने वाली क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा में रिजर्व बैंक अहम दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। ऐसा होने पर पहले से ही महंगे हो चुके कर्ज और महंगे हो जाएंगे। इससे घर, कार लेने का सोच रहे लोगों के सपने पर पानी फिर जाएगा। साथ ही जो लोग ईएमआई भर रहे हैं उनपर ईएमआई का भार और बढ़ जाएगा।

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