शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

सेंसेक्स फिर 17 हज़ार से नीचे

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बुरे संकेतों का असर दुनियाभर के बाजारों मे देखने को मिला। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रह सका। सेंसेक्स और निफ्टी जबरदस्त गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में हो रहे उथल-पुथल से दुनियाभर बाजारों में गिरावट देखी गई। इसका सबसे ज्यादा असर यूरोपीय और भारतीय बाजारों पर देखने को मिला। जबरदस्त बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 17 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे लुढ़क गया। बाजार बंद होने के समय सेंसेक्स 298 अंक गिरकर 16866 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 93 अंक लुढ़ककर 5059 पर बंद हुआ। लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली हावी रही। सबसे ज्यादा मेटल सेक्टर 3 फीसदी से ज्यादा टूटा। जबकि आईटी, बैंक, ऑयल एंड गैस सेक्टर में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। बिकवाली की सबसे ज्यादा मार दिग्गज शेयरों पर ही देखने को मिली। हैवीवेट शेयरों के मुकाबले छोटे और मझौले शेयरों में कम गिरावट दर्ज की गई। सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल थे रिलायंस कम्युनिकेशंस, अम्बुजा सीमेंट्स, हिंडाल्को, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, और सेल। आने वाले दिनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हुई तो भारतीय बाजारों में और गिरावट देखी जा सकती है। इसलिए फिलहाल छोटे निवेशकों को बाजार से दूर ही रहना चाहिए।

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