गुरुवार, 8 सितंबर 2011

कैग के निशाने पर अब प्रफुल पटेल

कैग की नई रिपोर्ट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर सवाल उठाए गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गाया है कर्ज में डूबे होने के बावजूद एयर इंडिया को 111 विमान खरीदने की इज़ाजत क्यों दी गई। साथ ही इस रिपोर्ट में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय पर भी सवाल उठाए गए हैं। कर्ज में गले तक डूबे एयर इंडिया ने एक नहीं दो नहीं कुल 111 विमाम खरीदे। बहुत ही जल्दबाजी में ये फैसला लिया गया। कैग की रिपोर्ट में ये बात खुलकर सामने आई है। इससे यूपीए सरकार की नींद एक बार फिर से उड़ गई है। इस पूरे मामले में उस दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल घेरे में हैं। एयर इंडिया की माली हालत पर सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश कर दी है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाए हैं कि घरेलू विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस के साथ एयर इंडिया का विलय गलत समय पर हुआ। साथ ही इस विलय में पारदर्शिता नहीं देखी गई। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया पर 38,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। बिना मोलभाव के 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से 111 विमान खरीदने का फैसला 2006 में लिया गया है। वो भी कर्ज लेकर। इस खरीदारी को आनन-फानन में अमली ज़ामा पहनाया गया। कई मंत्री समूहों ने भी एक के बाद एक इस डील पर मुहर लगा दी। आखिर क्यों ज़रूरी बन गई कर्ज में डूबी हुई एक कंपनी के लिए इतनी बड़ी खरीदारी। इसका जवाब सरकार के पास फिलहाल नहीं है।

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