शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

वोडाफोन को 11 हज़ार करोड़ की राहत

सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर वोडाफोन केस में आयकर विभाग को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विदेशी सब्सिडियरी कंपनी के जरिए हुए डील में टैक्स नहीं बनता। इसलिए और टैक्स देने के बजाए वोडाफोन ने अबतक जो टैक्स जमा किए हैं आयकर विभाग सूद सहित उसे वापिस करे।

वोडाफोन को भारत के आयकर विभाग के साथ कानूनी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। टैक्स मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि वोडाफोन को टैक्स देने की ज़रुरत नहीं है। आयकर विभाग ने वोडाफोन से करीब 11000 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की थी। दरअसर वोडाफोन ने 2007 में हचिसन-एस्सार में हच का 67 फीसदी हिस्सा 11.2 अरब डॉलर में खरीदा था। वोडाफोन और हच के सौदे पर आयकर विभाग ने टैक्स की मांग की थी। वोडाफोन ने दलील दी थी कि विदेशी सब्सिडियरी कंपनी के जरिए सौदे होने की वजह से टैक्स नहीं बनता। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान ली है। हालांकि बांबे हाई कोर्ट ने आयकर विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए.. आयकर विभाग को वोडाफोन के जमा 2500 करोड़ रुपए 4 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने के आदेश दिए हैं। और इसके लिए 2 महीने का समय दिया है।

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