सोमवार, 13 फ़रवरी 2012

आरआईएल-डेस्सल्ट करार पर सवाल

रिलायंस इंडस्ट्रीज अब डिफेंस सेक्टर में भाग्य आजमाने को तैयार है। इसके लिए कंपनी फ्रांस की डेस्सल्ट एविएशन के साथ करार किया है। डेस्सल्ड वही कंपनी है जिसको इंडियन एयरफोर्स से 15 अरब डॉलर का कांट्रैक्ट मिला है। आनन-फानन में हुए दोनों कंपनियों के डील से कुछ सवाल पैदा होना लाजिमी हैं।

देश की सबसे दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज अब डिफेंस कारोबार में हाथ आजमाएगी। देर से ही सही लेकिन कंपनी ने अरबों डॉलर की क्षमता वाली डिफेंस सेक्टर में कूदने का ऐलान कर दिया है। इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्रांस की डेस्सल्ट एविएशन के साथ करार किया है। दो हफ्ते पहले ही डेस्सल्ट एविएशन ने इंडियन एयरफोर्स को 126 कॉम्बेट एयर क्राफ्ट की सप्लाई के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ 15 अरब डॉलर का करार किया है। दोनों कंपनियां भारत के रक्षा क्षेत्र में कारोबार के मौके तलाशेंगी। इतनी बड़ी डील के केवल 15 दिनों के अंदर रिलायंस इंडस्ट्री का फ्रेंच कंपनी डेस्सल्ट के साथ करार कई सवाल पैदा करते हैं। क्योंकि देश के कई बड़े घोटाले इस क्षेत्र में हो चुके हैं।

क्या डेस्सल्ट और आरआईएल के बीच पहले से ही कोई समझौता था। क्या डेस्सल्ट ने ये शर्त रखी थी कि भारत सरकार के साथ डील के बाद ही वो रिलायंस के साथ करार करेगी। क्या फ्रेंच कंपनी को कांट्रैक्ट दिलाने में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कोई हाथ था।

भारत में डिफेंस सेक्टर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कमाई के अकूत अवसर हैं। जिसे कैश कराने में भारत की दिग्गज कंपनियां कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। टाटा और महिंद्रा पहले से इस क्षेत्र में मौजूद है। और देर से ही सही अब देश की सबसे बड़ी दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी भारतीय डिफेंस सेक्टर में दस्तक दे दी है।

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