रोमिंग चार्ज से जल्द ही
छुटकारा मिलने वाला है। यानी बार बार नंबर बदलने की परेशानी हमेशा के लिए खत्म
होने वाली है। कैबिनेट ने नई टेलिकॉम पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। तेरह साल बाद नई
टेलीकॉम पॉलिसी बनाई गई है।
महंगाई के इस दौर
में थोड़ी सी राहत मोबाइल ग्राहकों को मिलने वाली है। खासकर उन ग्राहकों को जो
ज्यादातर रोमिंग पर रहते हैं। नई टेलिकॉम पॉलिसी से रोमिंग की दरें पूरी तरह खत्म
जाएंगी। इससे शहर बदलने पर भी नंबर बदलने की ज़रूरत नहीं होगी। यानी जल्द ही एक
देश एक नंबर का सपना सच होने वाला है। साथ ही पूरे देश में मोबाइल नंबर
पोर्टेबिलिटी को भी मंजूरी दी गई है।
अब 1999 की नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी की जगह 2012 की नई टेलिकॉम पॉलिसी लेगी। नई टेलिकॉम पॉलिसी के जरिए टेलिकॉम विभाग यूनिफाइड लाइसेंसिंग की
मंजूरी भी सरकार से लेगा। टेलिकॉम पॉलिसी में स्पेक्ट्रम शेयरिंग का प्रस्ताव भी
है। जानकारों का मानना है कि नई टेलीकॉम पॉलिसी में लाइसेंसों के लिए कई कैटेगरी
का बंदोवस्त किया गया है। इस पॉलिसी में उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों को कुछ छूट का प्रस्ताव है। इसके
साथ इस पॉलिसी में सर्विस और टैरिफ में पारदर्शिता और जवाबदेही तय की गई है। साथ
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड के विस्तार की योजना है। सरकार इस
पॉलिसी के जरिए साल के आखिर तक सस्ती ब्रॉडबैंड सर्विस महैया कराएगी।
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