कर्ज में गले तक डूब चुकी किंगफिशर एयरलाइंस की मुश्किलें खत्म होती
नहीं दिख रही है। किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों और संस्थाओं ने
ब्याज भुगतान और सर्विस को दुरुस्त करने के लिए कंपनी को 15 दिनों का समय दिया है।
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों और संस्थाओं का धैर्य अब
टूट चुका है। इसलिए बैंकों ने कर्ज वसूली और एयरलाइंस की सर्विस को फिर से दुरुस्त
करने के लिए कंपनी को
15 दिनों का अल्टीमेटल दिया है। शुरूआत से ही घाटे में चल रही किंगफिशर एयरलाइंस
का मार्केट शेयर दूसरे नंबर से लुढ़ककर आखिरी नंबर पर जा पहुंचा है। इस साल मार्च
महीने तक एसबीआई सहित कई बैंकों और संस्थाओं का किंगफिशर एयरलाइंस पर 1.4 अरब डॉलर
का कर्ज बकाया हो चुका है।
एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी की मुंबई और
गोवा स्थिति संपत्ति बेचकर 2.5 करोड़ डॉलर की वसूली की जा सकती है। किंग ऑफ गुड
टाइम्स के नाम से मशहूर विजय माल्या को एयरलाइंस बिजनेस में शुरूआत से ही नुकसान
झेलाना पड़ा जो कि महीने दर महीने बढ़ता चला गया। और इसका परिणाम ये हुआ कि कंपनी
को अपने पायलटों को सैलरी देने तक के लिए पैसे तक खत्म हो गए। कंपनी के कई विमान
हवा में उड़ने की वजाय ज़मीन पर धूल फांकने लगी।
जिससे किंगफिशर के शेयर 44 रुपए
से लुढ़ककर 10 रुपए की करीब जा पहुंचा। लेकिन अब कर्ज दाताओं के लगाम कसने से एक
बार फिर से किंगफिशर एयरलाइंस में हलचल बढ़ी है। ऐसे में लगता है कि अगले 15 दिनों
में किंगफिशर की दशा और दिशा तय हो जाएगी और कंपनी के रुख से साफ हो जाएगा कि
कंपनी ज़मीन पर रहना चाहती है या हवा में फिर से अपनी धाक जमाना चाहती है।
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