शनिवार, 11 अप्रैल 2009
नैनो लगाएगी टाटा की नैया पार
छोटी कार पर रूपयों की बरसात
नैनो की बुकिंग हो गई है शुरु और टाटा के लिए है ये एक दुधारु गाय। मंदी और पैसे की कमी से परेशान टाटा मोटर्स नैनो की बुकिंग से ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करना चाहती है। नैनो का सपना पालनेवालों के पैसे के दम पर टाटा मोटर्स शायद अपनी परेशानियों पर पार पाना चाह रही है। देश में कारों की बिक्री में टाटा फिलहाल मारुति, ह्युंदे जैसी कंपनियों से काफी पीछे है। ऐसे में नैनो ने टाटा को एक बड़ी राहत दे सकती है।
लोगों को भले ही पहली खेप के नैनो से धूम मचाने को मौका मिले या नहीं उनके पैसों से टाटा मोटर्स जरूर धूम मचाने को तैयार हो रही है। मिसाल के तौर पर 300 रुपए के बुकिंग फॉर्म को ही ले लेते हैं। फिलहाल करीब 1 लाख फॉर्म बिक चुके हैं जिससे टाटा की करीब 3 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है। 25 अप्रैल तक करीब 5 लाख फॉर्म बिकने की उम्मीद की जा रही है। जिससे टाटा को 15 करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान हैं।
फॉर्म के बाद अब बात करते हैं बुकिंग अमाउंट की। 25 तारीख तक नैनो की बुकिंग होगी। नैनो के तीनों मॉडल के लिए अलग अलग बुकिंग अमाउंट हैं। जो कि 95000 रुपए से 1 लाख 40 हजार रुपए के बीच है। यानि प्रति नैनो की बुकिंग का एवरेज बुकिंग अमाउंट अगर 1 लाख भी मानें तो 5 लाख नैनो की बुकिंग से टाटा के पास 5000 करोड़ रुपए जमा हो जाएंगे। जो कि नैनो की लाटरी के नतीजे निकलने तक यानी करीब 3 महीने तक टाटा के पास रहेगी।
इसके बाद जिन एक लाख लोगों के नाम ड्रॉ में निकलेंगे उन्हें ब्याज भी नहीं मिलेगा। भले ही नैनो उन्हें एक साल के अंदर मिले। यानी 1000 करोड़ रुपए एक साल तक टाटा के पास रहेंगे। पूरी रकम देकर नैनो की बुकिंग कराने वालों को नैनो नहीं मिलने पर 8.5 फीसदी ब्याज तभी मिलेगी जब नैनो की वेटिंग लिस्ट से वो अपना नाम वापस लेंगे। यही नहीं अगर आप 95000 रुपए बुकिंग अमाउंट जमा कराते हैं। और लॉटरी में आपका नाम नहीं निकलने पर अगर आप पैसे वापस चाहेंगे तो कंपनी 2999 रुपए एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज काटकर ही बाकी की रकम आपको लौटाएगी।
नैनो से होने वाली कमाई को अगर छोड़ दें तो टाटा मोटर्स के पास करीब 500 करोड़ रुपए की ही नगदी बची थी। जिससे टाटा मोटर्स को देश और विदेश में अपने कारोबार को चलाने में काफी परेशानी का समना करना पड़ रहा है। पिछले साल ही टाटा ने जगुआर और लैंड रोवर की भी खरीदारी की है। जिसका 10 हजार करोड़ रुपए कर्ज अभी भी टाटा के ऊपर बकाया है। जानकारों की मानें तो टाटा को अपने ऑटो कारोबार को चलाने के लिए फिलहाल कम से कम 7000 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है।
ऐसे में लगता है कि नैनो ने टाटा का काम कुछ आसान कर दिया है। यानी कि नैनो के सपने बेचकर टाटा अपनी झोली भर रही है। भले ही लोगों को नैनो पर धूम मचाने का मौका अभी नहीं तीन साल बाद ही मिले। लेकिन उनके पैसों से टाटा मोटर्स अपना बिजनेस चमकाती रहेगी।
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1 टिप्पणी:
अब अगर टाटा ने इतनी मेहनत की है तो कमाई होना लाजिमी है।
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