बुधवार, 23 जून 2010

मंदी में करोड़पति बन गए अरबपति

भारत सहित दुनियभर के अमीर और अमीर होते जा रहे हैं। जी हां..वो भी मंदी के दौर में। साल 2009 में दुनियाभर के अमीरों की संपत्ति में 11.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। और ये बढ़कर 111.5 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनियाभर के 6 अरब से ज्यादा की आबादी के 1 फीसदी से भी कम लोग करोड़पति हैं। और इन मुट्ठी भर लोगों के हाथों में है दुनिया की कुल संपत्ति का 38 फीसदी हिस्सा। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक सर्वे में एक बात सामने आई है। दुनियाभर में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति रखने वालों की आबादी दुनिया के कुल आबादी का केवल 0.1 फीसदी है। हालांकि इन 0.1 फीसदी लोगों के पास कुल 23 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है। मंदी में उन्हीं लोगों की तिजौरी भरी है जो पहले से ही करोड़पति हैं। क्योंकि करोड़पतियों की संख्यां उतनी ही है जितनी 2007 में थी। यानी कि करीब 1 करोड़ 10 लाख। दुनिया में सबसे ज्यादा 47 लाख के करीब करोड़पति अमेरिका में हैं। इसके बाद स्थान आता है जापान,चीन,ब्रिटेन और जर्मनी का। पिछले साल मंदी के दौर में सबसे ज्यादा 35 फीसदी करोड़पति सिंगापुर में बढ़े हैं। 33 फीसदी के साथ मलेशिया दूसरे नंबर पर है। स्लोवाकिया में एक साल में 32 फीसदी और चीन में 31 फीसदी करोड़पति बढ़े हैं। भारत की स्थिति थोड़ी अलग है। भारत में करोड़पतियों की संख्यां दूसरे देशों की तरह नहीं बढ़ती बल्कि पहले से जो करोड़पति बने बैठे हैं उनके बैंक एकाउंट में और करोड़ों रुपए जुड़ जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में इस ट्रेंड में कुछ बदलाव देखा जा रहा है। लेकिन फिर भी चीन में जहां करीब 5 लाख लोग करोड़पति हैं वहीं भारत में ये संख्यां मात्र 1.25 लाख के करीब है।

सोमवार, 24 मई 2010

10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आसमान छूती महंगाई पर काबू पा लेने का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि दिसंबर तक महंगाई दर घटकर 5 से 6 प्रतिशत रह जाएगी। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में आई तेजी और देश के अलग अलग हिस्सों में आई बाढ़ तथा मौसम की मार को कीमतों में तेजी की वजह बताया। यूपीए सरकार की दूसरी पारी की पहली वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 2008 के आर्थिक संकट से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट रही। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था संकट के इस दौर में भी मजबूती से आगे बढ़ती रही। दुनिया के मुकाबले देश की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को बेहतर बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार की प्राथमिकता मध्यावधि में 10 फीसदी की विकास दर हासिल करना और महंगाई की दर कम करना है। उन्होंने कहा कि सरकार के एजेंडे में सामाजिक हितों का ध्यान रखना आज भी सबसे ऊपर है। यही नहीं प्रधानमंत्री ने असंगठित क्षेत्र के लिए नेशनल सोशल सिक्योरिटी फंड गठित करने का ऐलान किया है। और इस फंड में शुरुआत में 1000 करोड़ रुपए जमा करने का इरादा जताया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा है कि फूड सिक्योरिटी बिल के ड्राफ्ट की तैयारी चल रही है। भ्रष्टाचार को कम करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी काम काज में पारदर्शिता पर जोर दिया जाएगा। साथ ही ज्यूडीसियल रिफॉर्म को आगे बढ़ाने की बात प्रधानमंत्री ने की है।

बुधवार, 19 मई 2010

दो बैंकों की शादी यानी मर्जर

काफी समय से मुसीबत में फंसे बैंक ऑफ राजस्थान यानी बीओआर ने आखिरकार राहत की सांस ली है। और इसे राहत दी है आईसीआईसीआई बैंक ने। देश के सबसे बड़े निजी बैंक के साथ बीओआर का मिलन हो गया है। बैंक ऑफ राजस्थान का मर्जर हो गया है आईसीआईसीआई बैंक के साथ। पिछले कई महीनों से बीओआर पर रिजर्व बैंक का दबाव था। रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के मुताबिक बैंक में प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। लेकिन बीओआर के प्रोमोटर्स तयाल परिवार की हिस्सेदारी इस बैंक में 55 फीसदी के करीब है। जिसे कम करने का दबाव तयाल फैमिली पर बना हुआ था। इस मर्जर के बाद शेयर धारकों को बीओआर के प्रति 118 शेयर के बदले आईसीआईसीआई बैंक के 25 शेयर मिलेंगे। यानी तयाल फैमिली को 8.88 करोड़ बीओआर के शेयर के बदले आईसीआईसीआई बैंक के 1.88 करोड़ शेयर मिलेंगे। जिसकी कीमत होगी करीब 1672 करोड़ रुपए। इस मर्जर के समय बीओआर के शेयर प्राइस के अनुसार बैंक की कीमत 1500 करोड़ आंकी गई। लेकिन आईसीआईसीआई बैंक ने बीओआर की वैल्यू 3040 करोड़ रुपए तय किया यानी मार्केट प्राइस से दोगुना। इस मर्जर के बाद आईसीआईसीआई बैंक में तयाल फैमिली की हिस्सेदारी करीब 1 फीसदी हो जाएगी। इस खबर के बाद दो कारोबारी दिनों में बीओआर के शेयर करीब 40 फीसदी चढ़ गए। वहीं आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में करीब 6 फीसदी की गिरावट देखी गई। बीओआर का कुल बिजनेस करीब 23000 करोड़ रुपए का है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक का बिजनेस करीब 384000 करोड़ रुपए का है। बीओआर के देशभर में करीब 463 ब्रांच हैं वहीं आईसीआईसीआई बैंक के देशभर में 2000 से ज्यादा ब्रांच हैं। आईसीआईसीआई बैंक में वर्ष 2007 में महाराष्ट्र स्थित सांगली बैंक का विलय हुआ था। साथ ही प्राइवेट बैंक सेक्टर में सबसे बड़ा मर्जर 2008 में एचडीएफसी बैंक और सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब के बीच हुआ था।

बुधवार, 31 मार्च 2010

एचटीसी का सस्ता स्मार्ट फोन

भले ही प्राइवेट टेलकॉम ऑपरेटर्स को अभी थ्री जी स्पेक्ट्रम नहीं मिली है। लेकिन ऑपरेटर्स ने थ्री जी सर्विस के लिए ग्राहकों को लुभाने की कोशिश शुरु कर दी है। इसके तहत देश के सबसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स एयरटेल ने लांच कर दिया है सस्ता स्मार्ट फोन एचटीसी स्मार्ट। भारती एयरटेल ने ताइवानी कंपनी एचटीसी और अमेरिकी चिप बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर लांच किया है ये हाइएंड फोन एचटीसी स्मार्ट। टचस्क्रीन वाले इस मोबाइल में लगा है ब्र्यू ऑपरेटिंग सिस्टम। जिसके जरिए हाई स्पीड इंटरनेट का मजा लिया जा सकता है। भारती एयरटेल को उम्मीद है कि थ्री जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के 6 से 8 महीनों के अंदर थ्री जी सर्विस की शुरुआत हो जाएगी। और तब इस फोन पर लोग थ्री जी सर्विस का मजा ले पाएंगे। एचटीसी स्मार्ट मोबइल फोन के जरिए फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक साथ मैसेज भेजा जा सकता है। एक बटन दबाते ही इसके स्क्रीन पर क्वर्टी की पैड आ जाता है। जिससे ईमेल,एसएमएस या मैसेज टाईप करना हो जाता है काफी आसान। आपने अपने किस दोस्त से टेक्स्ट, ईमेल या फेसबुक के जरिए कितनी बातें की है वो सभी आप इस फोन में एक साथ देख सकते हैं। तमाम आधुनिक खूबियों से लैस इस फोन की कीमत है 9990 रुपए। इसे केवल एयरटेल के ग्राहकों के लिए तैयार किया गया है। हालांकि बाजार में इससे भी सस्ते कई चाइनीज और देशी मोबाइल मौजूद हैं जिसमें इससे मिलती जुलती सारी सुविधाएं हैं। ऐसे ग्राहक इसे कितना पसंद करते हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

सोमवार, 15 मार्च 2010

अमेरिका में भारतीय निवेश

अमेरिका में सबसे ज्यादा निवेश करने वाले देशों की लिस्ट में भारत का नाम तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। साल 2004 से साल 2008 के बीच अमेरिका में तेजी से निवेश करने वाले देशों में भारत दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। वहीं पहले स्थान पर है संयुक्त अरब अमीरात। अब से पहले अमेरिका में सबसे ज्यादा तेजी से निवेश करने वाले देशों में यूरोपीय देश प्रथम होते थे। लेकिन समय के साथ साथ सबकुछ बदल रहा है। आज दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों में दो भारतीय हैं। साल 2004 से साल 2008 के बीच अमेरिका में संयुक्त अरब अमीरात का निवेश ग्रोथ 230 फीसदी रहा। वहीं इस दौरान भारत 64 फीसदी ग्रोथ के साथ अमेरिका में निवेश करने में दूसरे स्थान पर रहा। हालांकि अमेरिका में कुल विदेशी निवेश की बात करें तो अभी भी यूरोपीय देश इसमें अव्वल हैं। क्योंकि अमेरिका में कुल विदेशी निवेश के करीब 62 फीसदी हिस्से यूरोपीय देशों से आए हैं। जिसमें स्वीटजरलैंड,यूके,जर्मनी,फ्रांस और स्पेन का सबसे बड़ा योगदान है। वहीं दूसरी पंक्ति में हैं जापान,कनाडा और ऑस्ट्रेलिया। लेकिन अब बहुत तेजी से भारत और चीन जैसे एशिया के दूसरे देशों से अमेरिका में निवेश की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आने वाले दिनों में ठीक वैसे ही अमेरिका में भारतीय कंपनियों की तूती बोल सकती है जैसे अभी अमरीकी कंपनियों की दुनिया के दूसरे देशों में बोल रही है। यही नहीं, अमेरिका के टॉप बिजनेस स्कूलों से एमबीए की डिग्री लेकर निकले युवा नौकरी के लिए भारत सहित दूसरे एशियाई देशों का रुख कर रहे हैं। क्योंकि मंदी की दौर में वॉल स्ट्रीट की चमक फीकी पड़ने के बाद हालात बदल गए हैं। अब बड़ी संख्या में अमेरिका के एमबीए डिग्रीधारी युवा भारत और चीन में नौकरी पाना चाहते हैं।

महंगाई की मार बरकरार

सरकार के तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई दर में तेजी जारी है। तूफान की तरह बढ़ रही है महंगाई। लोग लाचार हैं। संसद में एक अरब जनता के भूख से ऊपर महिला बिल की चिंता नेताओं को सता रही है। बजट सत्र में महंगाई की समस्या शुरुआती दौर में उठा जरुर लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसपर महिला बिल हाबी हो गया। ऐसे में महंगाई की मार खाने अलावा लोगों के पास दूसरा कोई चारा नहीं है। फरवरी महीने में महंगाई दर 9.89 फीसदी पर पहुंच गई है। जो कि 16 महीनों का उच्चतम स्तर है। जनवरी महीने में महंगाई दर 8.56 फीसदी थी। बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की वजह से खाने-पीने के ज्यादातर सामान और महंगे हो चुके हैं। पिछले साल के मुकाबले चीनी की कीमतें 55.47 फीसदी बढ़े हैं। वहीं आलू करीब 30 फीसदी महंगे हुए हैं। पिछले एक साल में दाल की कीमतों में 35.58 फीसदी का इजाफा देखा जा रहा है। रिजर्व बैंक ने 8.5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान लगाया था। लेकिन पिछले ही महीने महंगाई दर इस सीमा को पार कर चुकी है। आरबीआई ने क्रेडिट पॉलिसी की तिमाही समीक्षा में सीआरआर में 0.75 फीसदी का इजाफा किया था। जिससे सीआरआर 5 फीसदी से बढ़कर 5.75 फीसदी पर पहुंच गया। इससे बाजार से करीब 36000 करोड़ रुपए बाहर हो गए। लेकिन इसके बावजूद महंगाई रुक नहीं पा रही है। अगर सरकार अभी भी नहीं जागी तो आने वाले दिनों में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुवानों में इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।

गुरुवार, 11 मार्च 2010

दुनिया में सबसे अमीर कौन...

दुनियाभर के धनकुबेरों में भारत की बोल रही है तूती। भले ही दुनिया का सबसे अमीर सख्श भारतीय नहीं है लेकिन दुनिया के 5 सबसे अमीर लोगों में 2 भारतीय शुमार हैं। मैक्सिको के अरबपति कार्लोस स्लिम दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। कार्लोस ने धनी व्यक्तियों की सूची में बिल गेट्स को पछाड़कर नंबर वन की कुर्सी पर कब्जा किया। अमरीकी पत्रिका फोर्ब्स की नई सूची के मुताबिक कार्लोस इस समय दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को दूसरे नंबर पर खिसका दिया है। (नंबर वन, कार्लोस स्लिम हेलू,53.5 अरब डॉलर की संपत्ति, टेलीकॉम टायकून, मैक्सिको) (नंबर टू, बिल गेट्स,53 अरब डॉलर की संपत्ति, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक, अमेरिका) (नंबर थ्री, वारेन बफेट,47 अरब डॉलर की संपत्ति, इन्वेस्टमेंट गुरु, अमेरिका) (नंबर फोर, मुकेश अंबानी,29 अरब डॉलर की संपत्ति, आरआईएल के चेयरमैन, भारत) (नंबर फाइव, लक्ष्मी मित्तल,28.7 अरब डॉलर की संपत्ति, स्टील किंग, भारतीय मूल के) हालांकि, अभी भी अमरीका में अरबपतियों की संख्या सबसे ज्यादा हैं। सूची में अमरीका के 403 अरबपति शामिल हैं। जबकि 234 लोग एशिया से हैं। वर्ष 2010 की लिस्ट में 97 नए लोग शामिल हुए जिसमें से 62 सिर्फ एशिया से हैं।

शुक्रवार, 29 जनवरी 2010

क्रेडिट पॉलिसी की घोषणा

आरबीआई ने तीसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समीक्षा में सीआरआर 0.75 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। आरबीआई सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेशियो में दो चरणों में बढ़ोतरी करेगा। 13 फरवरी को पहली चरण में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। जबकि 27 फरवरी को दूसरे चरण में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। जिसके बाद सीआरआर 5 फीसदी से बढ़कर 5.75 फीसदी पर पहुंच जाएगा। आरबीआई के इस कदम से सिस्टम से 36000 करोड़ रुपए बाहर हो जाएंगे। आरबीआई के इस क्रेडिट पॉलिसी में बढ़ती महंगाई का दबाव साफतौर पर दिखा। महंगाई पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ही आरबीआई ने सीआरआर में बढ़ोतरी की है। हालांकि एसबीआई,आईडीबीआई और यस बैंक जैसे कई बैंकों ने फिलहाल आश्वासन दिया है कि आरबीआई के इस कदम के बाद भी वे ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे। क्योंकि उनके पास फिलहाल लिक्विडिटी(फंड)की कोई समस्या नहीं है। लेकिन जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में कर्ज महंगे हो सकते हैं। कर्ज महंगे होने का मतलब है लोगों के घर और कार सहित कई सपने अधूरे रह जाएंगे। जिन लोगों ले पहले से ही घर ले रखा है और ईएमआई दे रहे हैं। हो सकता है आने वाले दिनों में हर महीनें उन्हें ज्यादा ईएमआई भरना पड़े। इस क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट सहित दूसरी दरों को नहीं छुआ है। वे जस के तस बने हुए हैं। यानी कि रेपो रेट 4.75 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 3.25 फीसदी, बैंक रेट 6 फीसदी और एसएलआर 25 फीसदी पर बने रहेंगे। सीआरआर बढ़ने से विकास दर पर कुछ असर जरुर पड़ेगा ऐसा मानना है जानकारों का। लेकिन रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2009-2010 में जीडीपी विकास दर के अनुमान को 6 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। साथ ही रिजर्व बैंक को अनुमान है कि इस वित्त वर्ष के अंत तक होलसेल पर आधारित महंगाई दर को 8.5 फीसदी रहने का अनुमान हो जो फिलहाल सात पीसदी से ऊपर है। आबीआई ने कहा है कि इस साल जुलाई महीने से महंगाई दर में कमी की शुरूआत हो जाएगी। हालांकि विश्व की अर्थव्यवस्था अभी पूरी तरह से मंदी से बाहर नहीं निकल पाई है। और अगर दुनिया के कुछ देशों में समय से पहले स्टीम्युलस पैकेज वापस लेने शुरू कर दिए तो स्थिति फिर से खराब हो सकती है। साथ ही इस साल मॉनसून अच्छी नहीं रहे और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत आसमान पर यानी 100 डॉलर से ऊपर पहुंच जाए तो महंगाई इस साल भी लोगों को रुलाती रहेगी।