सोमवार, 28 दिसंबर 2009
2009 में बाजार हुआ गुलजार
भारतीय शेयर बाजार के 2009 ऐतिहासिक रहा। इस साल शेयर बाजार में कुछ निवेशकों ने जमकर पैसे डुबाए तो कुछ निवेशकों ने मोटी कमाई की। साल के शुरुआत में दुनियाभर में छाई मंदी का साफ असर भारतयी शेयर बाजार पर देखा गया। कंपनियों के मुनाफे लगातार कम होने लगे इससे घबरकार देशी और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जबरदस्त बिकवाली की। जिसे बाजार धड़ाम से नीचे गिर पड़ा।
मार्च 2009 में सेंसेक्स साल भर के अपने न्यूनतम स्तर यानी 8069 पर पहुंच गया। लेकिन देश में फिर से यूपीए की सरकार के गठन होने के बाद एक बार फिर से निवेशकों का विश्वास भारतीय बाजार में लौटा और देखते ही देखते सेंसेक्स दिसंबर तक 17 हजार के जादुई आंकड़े को पार कर गया। 17 दिसंबर को सेंसेक्स 19 महीनों के अपने उच्चतम स्तर यानी 17360 पर बंद हुआ।
इस तेजी के सबसे बड़ी वजह हैं विदेशी संस्थागत निवेशक। जिन्होंने इस साल नवंबर तक भारतीय शेयर बाजार में 80500 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड निवेश किया। जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार 1991 से अबतक एक साल में सबसे ज्यादा बढ़त बनाने का रिकॉर्ड कायम कर दिया।
अगर दिसंबर 2008 से दिसंबर 2009 तक दुनियाभर के बाजारों से भारतीय बाजार की तुलना करें तो सबसे ज्यादा बढ़त बनाने वाले कुछ देशों में ये शुमार हो चुका है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा बढ़त बनाने वाले बाजार में पहले नंबर पर रहा श्रीलंका का बाजार। जो 119 फीसदी बढ़ा। 118 फीसदी बढ़त के साथ दूसरे नंबर पर रहा रुस का बाजार। वहीं 82 फीसदी की बढ़त के साथ तीसरे नबंर पर रहा इंडोनिशाया का बाजार जबकि भारत और ब्राजील का बाजार करीब 80 फीसदी की बढ़त के साथ चौथे नंबर पर रहा।
जानकारों का मानना है कि जिस तरह कंपनियों के नतीजों में सुधार हो रहा है। उसे देखकर यही लगता है कि आने वाले साल में बाजार एक बार फिर से 21000 के आंकड़े को छू लेगा।
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1 टिप्पणी:
if it is on its peak 09 than means it will come down in 10..is it so...
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