शनिवार, 30 अगस्त 2008

स्वर्ग का बिजनेस गर्त की ओर

टूरिस्ट से एप्पल का मिलन कराएं! अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जमीन वापस लेने पर जम्मू करीब दो महीनों से जल रहा है। और अब तो इसकी आग कश्मीर तक पहुंच चुकी है। इससे जानमाल के साथ ही फ्रूट इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस विवाद की वजह से जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग महीनों तक बंद रहा। जिससे श्रीनगर की उद्योग व्यवस्था चरमरा गई है। सबसे ज्यादा नुकसान सेब व्यापारी को हुआ है। उन्हें हर दिन करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही जम्मू- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने की वजह से श्रीनगर में दवाईयां और पेट्रोल-डीजल की किल्लत शुरू होने लगी है। साथ ही खाने-पीने के जरूरी सामानों में भी कमी होने लगी है। जम्मू की आग अब श्रीनगर तक पहुंच चुकी है। जिससे अब श्रीनगर में भी कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है। जिससे आम लोगों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। साथ ही सेब व्यापारियों को अपने सामने अपने करोड़ो रुपए के सेब को सड़ते हुए देखने पर मजबूर होना पड़ रहा है। अमरनाथ श्राइन जमीन विवाद की वजह से जम्मू-कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री का बुरा हाल है। टूरिज्म के जरिए अपना जीवन यापन करने वाले लोगों का हाल बुरा है। साथ राज्य सरकार को कोरोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की ओर आजकल सैलानियों के पैर नहीं बढ़ रहे हैं। और इसकी वजह है अमरनाथ श्राइन जमीन विवाद मामले पर महीनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन। इस विरोध प्रदर्शन के चलते जम्मू और कश्मीर में कर्फ्यू लगा दिया जाता है। जिससे देशी और विदेशी सैलानी वहां जाने से बच रहे हैं। और इसकी वजह से जम्मू कश्मीर के टूरिज्म इंडस्ट्री को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। 18 साल से आतंकवाद की मार झेल रहे कश्मीर में पिछले कुछ सालों में आतंकवादी गतिविधियां थोड़ी कम हुई थी। जिससे धीरे -धीरे वहां आने वाले पर्यटकों की तादात में इजाफा हो रहा था। लेकिन पिछले करीब दो महीनों से अमरनाथ श्राइन जमीन विवाद के चलते घाटी की शांती भंग हो गई है। और इससे टूरिज्म उद्योग लगभग ठप हो गया है। पर्यटकों की वजह से न केवल राज्य सरकार की तगड़ी कमाई होती है बल्कि हजारों घरों में चूल्हे भी चलते हैं। चाहे कश्मीर की डल झील देखने वाले विदेशी पर्यटक हों या वैष्णोदेवी और अमरनाथ जाने वाले पर्यटक सभी से वहां के लोगों को अच्छी कमाई होती हैं। लेकिन अब नजारा बदल गया है दुकानदार, गाइड, सहित डल झील में खड़ी किस्तियां सैलानियों की बाट जोहती नजर आ रही हैं।

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