पापा आपने ही SATYAM का उल्टा नाम MAYTAS रखा था मेरी कंपनी का...और ये देखो, मैंने आज आपको उल्टा कर दिया
रामालिंगा राजू के बेटे ने सत्यम से उलट नाम की तरह ही सत्यम से उलट काम भी करना शुरू कर दिया। और सत्यम के सारे पैसे आंखें बंद कर अपनी कंपनी की झोली में पलटने लगा। यानी सत्यम का खून चूस चूसकर उसे बर्बादी की कगार पर ला दिया। लेकिन सरकार की सहयोग से अब लगता है कि सत्यम की नैया पार हो जाएगी।
और हो भी क्यों नहीं। सही माएने में सत्यम काफी मजबूत कंपनी है। अगर नहीं होती तो सरकार इसमें सटती ही नहीं। सत्यम के दुनियाभर में ऐसे ऐसे दिग्गज क्लाइंट हैं जिसके लिए आज भी विप्रो, महिंद्रा टेक, इंफोसिस जैसी कंपनियां तरसती हैं। जी हां,फॉरच्युन फाइव हंड्रेड कंपनियों में से एक और दो नहीं करीब 28 कंपनियां सत्यम की क्लाइंट हैं। और उनमें से कई कंपनियों के साथ सत्यम के रिश्ते काफी मजबूत हैं, अभी भी। और ये यूं ही नहीं हो पाया है। सत्यम इनमें से कई कंपनियों को करीब 10 से 15 सालों से सेवा दे रही है।
सत्यम के बैलेंस शीट में भले धांधली हुई हो लेकिन सत्यम के काम पर कभी किसी ने उंगली नहीं उठाई। सत्यम को किश्ती तो वहां डूबी जहां पानी कम था। यानी अपने ही घर में। अपने ही बेटे की मोह में। जब रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी ने सबसे पहले दस्तक दी। तो बड़ी बड़ी कंपनियों के आंखों के सामने तारे दिखाई देने लगे। और अभी तक दिखाई दे रहे हैं। चाहे वो देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ हो या यूनिटेक या पार्श्वनाथ।
रियल एस्टेट की बड़ी बड़ी मछलियां तो इस तूफान को झेल रही हैं। लेकिन छोटी कंपनियों के लिए ये बस की बात नहीं थी। और वो भी मेटास जैसी कंपनी के लिए। जिसने केवल आंध्र प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अपने पांव पसार लिए थे। मेटास को शुरूआत में बैंक से आसानी से कर्ज मिल जाया करता था। लेकिन बाद में स्थिति बदल गई। और तब प्रोजेक्ट को जारी रखने से लेकर कर्ज चुकाने तक के लिए राजू को अपने बेटे की मदद करनी पड़ी। लेकिन राजू ने मदद का जो रास्ता चुना वो सही नहीं था।
राजू की इस गलती को जिसने भी पकड़ा वो भी मालामाल होता चला गया। और बेटा बाप का यानी मेटास सत्यम का खून चूसता रहा। लेकिन सरकार को लगता है कि वो सत्यम से चूसे गए खून के एक-एक कतरे का हिसाब ले लेगी। शायद यही वजह से कि सत्यम के पुराने अधिकारियों पर भी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है।
अगर सरकार सत्यम के मामले में आखिर तक न्याय के साथ खड़ी रहती है तो इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले दिनों में सत्यम के शेयर धारकों को मेटास इफ्रा से शेयर भी मिल जाएं। हालांकि फिलहाल तो यही कहने का मन होता है..कि..फिल्म अभी बाकी है।