बुधवार, 4 मार्च 2009
कर्ज का चंदन होगा और सस्ता
होम लोन, कार लोन सहित हर तरह के लोन अब और सस्ते होंगे। मंदी के असर को कम करने और ग्रोथ रेट को पटरी पर लाने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में आधा फीसदी की कटौती कर दी है। रेपो रेट अब 5.5 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गया है। जबकि रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी के घटकर 3.5 फीसदी पर पहुंच गया है। ये नई दरें आज से ही लागू होंगी।
रेपो रेट वो दर है जिसपर देश के सरकारी और निजी बैंक रिजर्व बैंक से पैसे उधार लेती है। यानी कि अगर बैंकों को सस्ते में पैसे मिलेंगे तो वो भी कम ब्याज दर पर ग्राहकों को लोन देंगे। और जब ग्राहकों के पास पैसे पहुंचेंगे तो बाजार में सामान बिकेगा, माकान बिकेंगे यानी दिसंबर की तिमाही में 5 के करीब पहुंच चुके विकास दर में एक बार फिर से पंख लग पाएगा। एक तरफ तो सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए एक के बाद एक बेलआउट पैकेज का ऐलान कर रही है। वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक भी मॉनेटरी पैकेज देने में कोई कमी नहीं कर रही है।
आरबीआई बाजार में मांग को बरकरार रखने के लिए कई बार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती कर चुका है। पिछले चार महीनों में ही रेपो रेट 9 फीसदी से लुढ़ककर 5 फीसदी पर पहुंच गया है। और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से लुढ़ककर 3.5 फीसदी पर पहुंच गया है। दिसंबर महीने में ऐसे ही ऑटो सेल्स में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में आरबीआई के इस तोहफे से कार सेल्स में और तेजी के साथ ही रियल स्टेट, कंज्यूमर गुड्स सहित कई सेक्टर्स में सुधार देखने को मिल सकता है।
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1 टिप्पणी:
सरकार के इन उपायों से बाजार और अर्थव्यवस्था में कितना सुधार होता है ... यह आगे देखने वाली बात होगी।
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