शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009
मिल गए रिलायंस के कुल गैस के खरीदार
रॉबिन रैना: ग्रोथ का रॉबिन हुड
लेबल:
इंश्योरेंस,
एबिक्स,
फॉर्च्यून,
रॉबिन रैना,
सॉफ्टवेयर
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2009
क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान
शनिवार, 24 अक्टूबर 2009
9 बजे से 5 बजे तक खरीदो शेयर!
सरकार को 60 हजार करोड़ का चूना!
सरकारी पैसा चूसने वाला वाला राजा का मनी आर्ट स्टांस
टेलिकॉम मिनिस्ट ए राजा ने जनवरी 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम और टेलीकॉम सर्विस शुरू करने का लाइसेंस कौड़ियों के भाव कंपनी को बांट दिए। इससे सरकार को करीब 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राजा ने ऐसा क्यों किया और इससे राजा को क्या मिला साथ ही क्यों इतनी कम कीमत पर लाइसेंस बांटी गई इसकी जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई रात दिन एक कर छापे मार रही है। कल देशभर में करीब 19 जगहों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं। वहीं परसो संचार भवन पर भी सीबीआई ने छापे मार कर कुछ अहम दस्तावेज हासिल किए हैं।
वर्ष 2001 में फिक्स की गई कीमत पर राजा ने जनवरी 2008 में लाइसेंस और स्पेक्ट्रम को लुटा दिया। जबकि 7 सालों में टेलीकॉम क्षेत्र में आई क्रांती की वजह से और दुनियाभर की कंपनियों की भारत पर नजर होने से कीमतें कई गुणा ज्यादा होनी चाहिए थी। लेकिन राजा ने पुरानी कीमत पर ही लाइसेंस पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बेच दिया।
कीमतों में अनदेखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि है जिन कंपनियों ने लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदे उसके कुछ दिनों बाद ही कई गुणा ज्यादा कीमत पर उसे बेच दिया। यानी बाजार में कई गुणा ज्यादा कीमत पर लाइसेंस और स्पेक्ट्रम खरीदने वाले मौजूद थे लेकिन टेलीकॉम मंत्री ए राजा ने उनकी सुध नहीं ली।
स्वान ने 1537 करोड़ रुपए में देश के 13 सर्किल में टेलीकॉम सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस खरीदा। और एक महीने के अंदर इसका 45 फीसदी हिस्सा सउदी अरब की कंपनी अतिसलत को 4500 करोड़ रुपए में बेच दिया। ठीक इसीतरह रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक को 22 सर्किल में टेलीकॉम सर्विस शुरू करने के लिए केवल 1651 करोड़ रुपए में लाइसेंस बेच दिया गया। यूनिटेक ने इसका केवल 60 फीसदी हिस्सा नार्वे की कंपनी टेलीनॉर को 6120 करोड़ में बेच लिया।
इन दो उदाहरणों को देखकर तो यही लगता है कि ए राजा ने कौड़ियों के भाव लाइसेंस बांटे हैं जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ए राजा डीएमके पार्टी से हैं जो कि केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी है। और सीबीआई भी केंद्र सरकार ही संभालती है। ऐसे में कुछ खास रिजल्ट की संभावना नहीं दिख रही है। यूपीए से डीएमके को बाहर करने के बाद ही इस महा घोटाने की जड़ तक पहुंचना केंद्र सरकार के लिए संभव हो पाएगा।
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
लो आ गया विंडोज 7
माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 7 लांच कर दिया है। विंडो 7 कई आधुनिक तकनीक से लैस है।माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स को अपने इस विंडो से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि विंडो 7 एक बार फिर से कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला देगा। तीन साल पहले आए विंडोज विस्टा के सुपर फ्लॉप शो के बाद विंडोज-7 के बारे में जो शुरुआती सिग्नल मिले हैं, वे बेहद उत्साहजनक हैं। जो करिश्मा आपने आई-फोन पर देखा है वो अब आपके लैपटॉप या पीसी की स्क्रीन पर दिखेगा। आइए हम आपको बताते हैं विंडोज 7 से सात सबसे अहम फीचर्स क्या हैं।
- इसे बंद करने और स्टार्ट करने में लगेगा कम वक्त
- इसमें है टच स्क्रीन की सुविधा यानी अपकी उंगली काम करेगी माउस का
- विंडो सेवन में फाइल्स को पासवर्ड से प्रोटेक्ट कर होम ग्रुप के साथ शेयर करने की सुविधा है
- किसी भी ड्राइव में सेव की गई फाइलों को आप एक क्लिक से एक्सेस कर पाएंगे
- विंडो सेवन में है ज्यादा जरूरी आइकन जोड़ने की सुविधा है। साथ ही माउस टच से विंडो प्रिव्यू करने की सुविधा है
- विंडो 7 में पसंदीदा प्रोग्राम की लिस्ट सीधे एक्सेस की जा सकती है। साथ ही एक्सप्लोरर-8 पर वेबसाइट्स की लिस्ट देख सकते हैं
- यही नहीं विंडो सेवन में मोबाइल, कैमरा, प्रिंटर के साथ पीसी का आसान कनेक्शन की भी सुविधा है
विंडो सेवन आपके कमप्यूटर एक्सपीरियंस को और अनोखा बना देगा। टचस्क्रीन वाले कंप्यूटरों पर नया यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा और माउस और की-बोर्ड के अलावा स्क्रीन को छूकर भी आप काम कर सकेंगे। साथ ही पीसी को पहले से ज्यादा तेज, सेफ और स्मार्ट बनाने के लिए भी इसमें बहुत से फीचर्स हैं। विंडोज-7 आने वाले दिनों में कम्प्युटर्स की दुनिया में एक अलग खिड़की खोलेगा। जो कम्प्यूटर ऑपरेंटिंग सिस्टम को एक नई बुलंदी तक पहुंचाएगा। कंपनी को उम्मीद है कि विंडो विस्टा की असफलता से माइक्रोसॉफ्ट को जो नुकसान हुआ था उसकी भरपाई विंडोज 7 से हो पाएगी।
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