मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान

महंगाई और ग्रोथ के बीच तालमेल की कोशिश रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है। क्रेडिट पॉलिसी की दूसरी तिमाही की समीक्षा करते हुए रिजर्व बैंक ने किसी भी अहम दरों के साथ छेड़ छाड़ नहीं किया है। - केवल एसएलआर में 1 फीसदी का इजाफा किया है । जिससे एसएलआर 24 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी पर पहुंच गया है। - एसएलआर में एक फीसदी की बढ़ोतरी की वजह से सिस्टम से 30000 करोड़ रुपए बाहर हो जाएंगे। - और इससे सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने में मददद मिलेगी। - बैंक रेट, सीआरआर, रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। - सीआरआर 5 फीसदी, रेपो रेट 4.75 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट 3.2 फीसदी और बैंक रेट 6 फीसदी पर बना रहेगा। - रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2010 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6 फीसदी रहने का अनुमान लगया है। - जबकि रिजर्व बैंक ने अगले साल मार्च तक महंगाई दर के 6.5 फीसदी पर पहुंचने की आशंका जताई है। हालांकि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी रिजर्व बैंक के जीडीपी विकास दर के अनुमान से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि रिजर्व बैंक ने विकास दर के जो अनुमान लगाए हैं वो कुछ ज्यादा ही कंजरवेटिव हैं। औद्योगिक चैंबर्स में क्रेडिट पॉलिसी को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली है। महंगाई और ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए आरबीआई इस क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया है। ग्रोथ में जान फूंकने के लिए ज्यादातर अहम दरों को नहीं टच किया गया है। क्योंकि मंदी के बाद मॉनसून में कमी और देश के कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति से कृषि क्षेत्र पर असर पड़ने की आशंका है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की कमाई कम हो सकती है। और इसका असर ये होगा कि पहले से सुस्त पड़ा डिमांड और सुस्त हो जाएगी। ऐसे में अहम दरों को नहीं छूते हुए केवल एसएलआर बढ़ाकर आरबीआई ने महंगाई पर कुछ लगाम कसने की कोशिश की है। साथ ही ग्रोथ का रास्ता भी खुला रखा है।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

महंगाई पड़ गई सब पर भारी...ब्याज दर बढ़ने की आशंका पर फिर गया पानी...घर,कार खरीदने वालों को राहत..बढ़िया जानकारी..धन्यबाद!