तेल मार्केटिंग कंपनियां फिलहाल पेट्रोल की कीमतों में इज़ाफा नहीं करेंगी। पेट्रोल की कीमतों को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक में दाम नहीं बढ़ाने का फैसला किया गया। इससे आम लोगों को कुछ राहत मिली है।
तेल मार्केटिंग कंपनियों ने डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति में सुधार और सरकार के दबाव को देखते हुए फिलहाल पट्रोल के दाम में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। सरकारी तेल कंपनियों ने गुरुवार को भी कीमतों को लेकर एक बैठक की थी। हालांकि उस बैठक में कोई फैसला नहीं लिया जा सका था। दरअसल कंपनियों को तेल की कीमतें बढ़ाने के लिए सरकार से हरी झंडी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन जानकारों का मानना है कि कई राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए सरकार कीमतें बढ़ाने पर अपनी हामी नहीं भर पाई। इससे कंपनियों को कीमतें नहीं बढ़ाने के लिए मज़बूर होना पड़ा।
मज़बूर इसलिए...क्योंकि तेल मार्केटिंग कंपनियों की स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। कंपनियों को अभी भी नुकसान सहना पड़ रहा है। वजह साफ है...अंतरराष्ट्री बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बनी हुई है। साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत अभी भी 52 रुपए से ऊपर बरकरार है। हालांकि ये अलग बात है कि तेल कंपनियों को पेट्रोल की कीमत तय करने की आजादी है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि कीमतों पर मुहर लगाने से पहले..कंपनियों के लिए सरकार से सहमति लेना..जरुरत बन चुका है।
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