गुरुवार, 29 मार्च 2012

ब्रिक्स देशों ने किया ऐलान

ब्रिक्स देशों को सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदी से ब्रिक्स के सभी देश प्रभावित हैं। और इससे उबरने के लिए एक ब्रिक्स बैंक की बेहद ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि ब्रिक्स की मज़बूती में इस संगठन के जुड़े पांचों देशों को साझा फायदा है।
नई दिल्ली में चल रहे चौथे ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी ब्रिक्स देशों से आपसी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।

- प्रधानमंत्री ने इस मौके पर बताया कि विश्व बैंक की तर्ज पर ब्रिक्स देशों की अगुवाई में एक डेवलपमेंट बैंक बनाने के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति बन गई है।
-ब्रिक्स देशों की बैठक में भारत और चीन ने साफ कर दिया है कि वो ईरान पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे। और ईरान से तेल खरीदते रहेगें। चीन अपनी ज़रूरतों का करीब 20 फीसदी तेल ईरान से आयात करता है। जबकि भारत अपनी ज़रूरतों का करीब 12 फीसदी तेल ईरान से आयात करता है।
- ब्रिक्स देशों में आपस में लोकल करेंसी में व्यापार करने के महत्वपूर्ण करार पर आज दस्तखत किए गए। इस समझौते के तहत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में आपसी व्यापार के लिए लोकल करेंसी में कर्ज दिया जा सकेगा।
- इसके साथ ही ब्रिक्स देशों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के लिए ब्रिक्स देशों को मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए।
- ब्रिक्स देशों ने 2015 तक आपस में 500 अरब डॉलर का व्यापार करने का लक्ष्य रखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वक्त दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए कई चुनौतियां हैं, ऐसे में देशों को व्यापार बढ़ाने के लिए सहयोग बढ़ाना होगा। ब्रिक्स दुनिया के तेजी से विकास कर रहे देशों का संगठन है और इसमें भारत के अलावा ब्राजील, रुस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ब्रिक्श देशों में दुनिया के करीब पचास फीसदी आवादी रहती है। लेकिन दुनिया के जीडीपी में ब्रिक्स देशों का 18.2 फीसदी का योगदान है। लेकिन इन देशों में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। और ऐसा माना जा रहा है कि साल 2035 तक ब्रिक्स दुनिया का सबसे ताक़तबर संगठन बन जाएगा।

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