बुधवार, 28 मार्च 2012

कल से दिल्ली में ब्रिक्स देशों की बैठक

दुनिया के पांच सबसे तेजी से विकास करने वाले देशों के प्रमुखों की बैठक कल से दिल्ली में होने वाली है। ब्रिक्स देशों के इस सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। जिसमें प्रमुख होगा मध्य पूर्व संकट और अमेरिकी डॉलर पर से निर्भरता कम करना।

दुनिया की ऊभरती हुई नई ताक़त यानी ब्रिक्स की कल से शुरू होने वाली बैठक में आपकी अर्थव्यवस्था के विकास पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में एक बैंक के गठन का ऐलान हो सकता है। जो ब्रिक्स देशों की सहायता करेगा। ब्रिक्स तेजी से विकास कर रहे पांच देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन है। भारत में पहली बार होने वाली इस बैठक में भारत सहित पांचों देशों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। इस बैठक में ईरान समस्या पर भी चर्चा होगी। दरअसल ईरान से तेल नहीं खरीदने का अमेरिकी दबाव लागातर भारत और चीन पर बढ़ रहा है। और ऐसा नहीं करने पर अमेरिकी इन दोनों देशों पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। लेकिन तेजी से विकास कर रहे भारत और चीन के पास ईंधन के लिए ईरान के बदले दूसरे विकल्प कम हैं। ऐसे में ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर पर से अपनी निर्भरता धीरे-धीरे कम करना चाह रहे हैं। ताकि किसी तरह के अमरीकी प्रतिबंध का असर ब्रिक्स देशों पर ना हो। साथ ही पांचों देश मिलकर एक एक्सचेंज का गठन का ऐलान कर सकते हैं जिसमें पांचों देशों के सूचकांक लिस्टेड होंगे और पांचों देश के नागरिक अपनी-अपनी करेंसी में उसमें कारोबार कर पाएंगे।

दुनिया की करीब आधी आबादी इन पांच देशों में रहते हैं। इसलिए ये पांच देश एक बड़े बाजार के तौर पर पूरी दुनिया में देखे जाते हैं। यूरोप और अमेरिकी में आर्थिक अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में अमेरिका और यूरोपीय देश भी ब्रिक्स देशों पर अपनी टकटकी लगाए हुए है। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी कई बार कह चुके हैं कि दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भारत चीन और ब्राजील जैसे देशों की अमह भूमिका होगी। लेकिन ब्रिक्स देशों की खुद की अर्थव्यवस्था अब सुस्त होती दिख रही है। ऐसे में इन देशों को पहले खुद को संभालने की ज़रूरत है।

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

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