शनिवार, 30 जून 2012

रेल यात्रा होगी महंगी


महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कल से एसी कोच में यात्रा करने वालों की यात्रा महंगी होने वाली है। क्योंकि सरकार कल से रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ने वाली है। एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को सर्विस टैक्स के तौर पर

साल 2009-2010 के जेनरल बजट में एसी टिकटों और माल ढ़ुलाई पर सर्विस टैक्स लगाने का ऐलान किया गया था। लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री ममता बैनर्जी के विरोध करने पर इसे फिलहाल निगेटिव लिस्ट में डाल दिया गया था। लेकिन 1 जुलाई से इसका लागू होना तय माना जा रहा है।

हालांकि रेल मंत्री मुकुल राय ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सर्विस टैक्स नहीं लगाए जाने की मांग की है। लेकिन वित्त मंत्रालय संभाल रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में ना केवल एसी वन एसी टू और एस थ्री की टिकटें महंगी हो जाएंगी बल्कि खाने पीने के सामानों सहित तमाम तरह के दूसरे सामान महंगे हो जाएंगे। इस साल एसी वन और एसी टू की टिकटें वैसे ही करीब 20 फीसदी महंगी हो चुकी हैं।
3.6 फीसदी ज्यादा खर्च करना होगा। यानी पहले जो यात्रा आप एक हजार रुपए की टिकट पर करते थे उसके लिए अब 1036 रुपए देने होंगे। साथ ही रेल से माल ढुलाई पर भी अब सर्विस टैक्स देना होगा। इससे खाने-पीने के सामानों से लेकर वैसे तमाम चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी जिनकी ढ़ुलाई रेल से होती है।
3.6 फीसदी सर्विस टैक्स लगाने वाली है।

शुक्रवार, 29 जून 2012

गार पर असमंजस बरकरार


गार यानी जेनरल एंटी टैक्स एवॉयडेंस रूल्स पर असमंजस बरकरार है। वित्त मंत्रालय ने गार पर नई गाइडलाइंस जारी की है। अब इसपर प्रधानमंत्री की मुहर लगना बाकी है। बाजार में आई आज की तेजी से लगता नहीं की प्रधानमंत्री इसे जस का तस लागू करेंगे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फिलहाल गार की नई गाईडलाइंस पर मुहर नहीं लगाई है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि फिलहाल उन्होंने गाइडलाइंस को नहीं देखा है। प्रधानमंत्री के इस बयान का असर भारतीय शेयर बाजार पर साफ देखने को मिला। सेंसेक्स 400 अंकों से ज्यादा की तेजी के साथ 17 हजार के पार पहुंच गया। वहीं निफ्टी 100 अंकों से ज्यादा की तेजी के साथ 5200 के ऊपर बंद हुआ।

दरअसल वित्त मंत्रालय ने गार यानी जनरल एंटी टैक्‍स अवॉइडेंस रूल्‍स को लेकर नई गाइड लाइन जारी कर दी है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक डबल टैक्सेशन का दुरुपयोग करने वाली कंपनियां आयकर विभाग की निगरानी में रहेंगी। वित्त मंत्रालय गार के जरिए सरकार डबल टैक्सेशन का दुरुपयोग करने वाली कंपनियों पर नियंत्रण लगाना चाह रही है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में इसे लागू करने का ऐलान किया तो निवेशकों ने इसका कड़ा विरोध किया था। क्योंकि गार के नियमों के मुताबिक अगर कोई कंपनी टैक्स चोरी के मामले में पकड़ी जाती है तो जिम्मेदार अधिकारी को जेल और जुर्माना भुगतना पड़ेगा।

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर कंपनियां मॉरिशस जैसे टैक्स हैवन देशों से अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए धन लाती हैं। लेकिन ये कंपनियां न तो मॉरिशस जैसे टैक्स हैवन देशों और न ही भारत में टैक्‍स का सही भुगतान करती हैं। लेकिन जानकारों का मानना है कि गार के लागू होने से भारतीय शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि जो कंपनिया फिलहाल अपनी जानकारी छुपाकर भारतीय शेयर बाजार में पैसे लगा पा रही थीं उन कंपनियों को अपना नाम उजागर करना होगा। ऐसे में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश में कमी आ सकती है और बाजार एक बार फिर लुढ़क सकता है।

मंगलवार, 5 जून 2012

विदेश व्यापार नीति 2012-13


वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने विदेश व्यापार नीति 2012-13 का ऐलान कर दिया है। आनंद शर्मा के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संकट के चलते ये साल चुनौती भरा साबित होगा। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट का ऐलान किया गया है।

पिछले कई महीनों से  भारत का निर्यात बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है जबकि आयात में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। इससे व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। इस घाटे को कम करने की पूरी कोशिश नई विदेश व्यापार नीति में की गई है। इसमें सरकार ने नई व्यापार नीति में एक्सपोर्टरों के लिए कई तरह के स्कीम्स और छूट का ऐलान किया है।

-    नई नीति के तहत सरकार ने हैंडलूमहैंडीक्राफ्टकारपेट, रेडीमेड कपड़ेखिलौनों, प्रोसेस्ड फार्म प्रोडक्ट्स के      निर्यात पर 2फीसदी ब्याज छूट साल और बढ़ा दी है।
-     निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दिल्लीमुंबई से डाककूरियर या ई कॉमर्स से निर्यात की छूट दी गई है।
-    सरकार एसईजेड को प्रोत्साहित करने के लिए नए दिशानिर्देश लाएगी।
-    अलग-अलग निर्यात सौदों के लिए एकल बैंक गारंटी की इजाज़त दी गई है।

हालांकि वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने माना कि दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। और ऐसे में निर्यात में पहले जैसी तेजी आने में समय लग सकता है। आनंद शर्मा का कहना है कि नई व्यापार नीति के जरिए ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम करने पर जोर दिया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य व्यापार घाटा कम करना है। निर्यात बढ़ाने के लिए यूरोज़ोन से बातचीत जारी है। साथ ही,ऑस्ट्रेलियान्यूजीलैंडकनाडा के साथ ही व्यापार करार करने पर चर्चा की जा रही है। रुपए के कमज़ोर होने का जितना फायदा निर्यातकों को मिलनी चाहिए वो निर्यातक नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि आयात पर इसकी पूरी मार पड़ रही है। और इसका खामियाजा देश की जनता भुगत रही है।

शनिवार, 2 जून 2012

2 रुपए सस्ता हुआ पेट्रोल


पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान लोगों को कुछ राहत मिली है। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत दो रुपए प्रति लीटर कमी करने का ऐलान किया  है। नई दरें आज मध्यरात्रि रात से लागू होंगी।
पेट्रोल की कीमतों में बढ़तोरी के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध के दबाव में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने कीमतों में दो रुपए की मामूली कटौती करने का ऐलान किया है।

अब  दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 71.92  रुपए से घटकर 69.92  रुपए हो जाएगी। मुबंई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 78.57  रुपए से घटकर 76.57 रुपए पर पहुंच गयी है। जबकि कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 77.88 रुपए से घटकर 75.88 रुपए हो गई है। और चेन्नई में पेट्रोल के भाव  77.53 रुपए से गिरकर 75.53 रुपए पर पहुंचा गया है।

हालांकि आम आदमी पेट्रोल कीमतों की इस कमी से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।
तेल कंपनियों ने अब हर पखवाड़े में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा के आधार पर हर महीने की पहली और 16 वीं तारीख को पेट्रोल की कीमतों में संशोधन करने का फैसला भी लिया है। ये सुविधा पहले भी लागू थी। लेकिन सरकारी दबाव के चलते कंपनियां ऐसा नहीं कर पा रही थीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत में प्रति डालर की कमी का मतलब होता है देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में प्रति लीटर 33 पैसे की कमी। लेकिन जितनी बाद डालर के मुकाबले रुपया एक रुपए बढ़ता है तो उससे घरेलू पेट्रोलियम उत्पादों की लागत 77 पैसे बढ़ जाती है। ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल और रुपए के उतार चढ़ाव का असर हर पंद्रह दिनों में पेट्रोल की कीमतों पर देखने को मिलेगा।

सोना हुआ तीस हज़ारी


सोने की कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोने का भाव तीस हजार के पार पहुंच चुका है। दुनिया के कई देशों में मंदी की आशंका से दुनिया की सबसे भरोसेमंद कमोडिटी सोने की चमक जबरदस्त तेजी आई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की गिरती हालत में निवेशकों ने सोने की तरफ रुख कर लिया है। देशभर में सोने की जमकर खरीदारी हो रही है। निवेशक सोने में निवेश को सुरक्षित मान रहे हैं।

दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने के भाव में 960 रुपए की तेजी दर्ज की गई। जिससे प्रति 10 ग्राम सोने का भाव 30300 रुपए  पर पहुंच गया है।

अमेरिका के खराब बेरोजगारी आंकड़ों को देखते हुए निवेशकों को मंदी का डर सता रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमैक्स पर सोने के भाव एक ही दिन में 3 फीसदी चढ़ गए हैं। जिसका असर घरेलू बाजार में देखने को मिला। निवेशक सोने में जमकर पैसे लगा रहे हैं। साथ ही दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट के चलते भी सोने पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। केवल इस हफ्ते सोने का भाव 3.5 फीसदी चढ़ा है। जनवरी के बाद पहली बार सोने में इतनी तेजी दर्ज की जा रही है।