मंगलवार, 5 जून 2012

विदेश व्यापार नीति 2012-13


वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने विदेश व्यापार नीति 2012-13 का ऐलान कर दिया है। आनंद शर्मा के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संकट के चलते ये साल चुनौती भरा साबित होगा। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की छूट का ऐलान किया गया है।

पिछले कई महीनों से  भारत का निर्यात बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है जबकि आयात में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है। इससे व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। इस घाटे को कम करने की पूरी कोशिश नई विदेश व्यापार नीति में की गई है। इसमें सरकार ने नई व्यापार नीति में एक्सपोर्टरों के लिए कई तरह के स्कीम्स और छूट का ऐलान किया है।

-    नई नीति के तहत सरकार ने हैंडलूमहैंडीक्राफ्टकारपेट, रेडीमेड कपड़ेखिलौनों, प्रोसेस्ड फार्म प्रोडक्ट्स के      निर्यात पर 2फीसदी ब्याज छूट साल और बढ़ा दी है।
-     निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दिल्लीमुंबई से डाककूरियर या ई कॉमर्स से निर्यात की छूट दी गई है।
-    सरकार एसईजेड को प्रोत्साहित करने के लिए नए दिशानिर्देश लाएगी।
-    अलग-अलग निर्यात सौदों के लिए एकल बैंक गारंटी की इजाज़त दी गई है।

हालांकि वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने माना कि दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। और ऐसे में निर्यात में पहले जैसी तेजी आने में समय लग सकता है। आनंद शर्मा का कहना है कि नई व्यापार नीति के जरिए ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम करने पर जोर दिया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य व्यापार घाटा कम करना है। निर्यात बढ़ाने के लिए यूरोज़ोन से बातचीत जारी है। साथ ही,ऑस्ट्रेलियान्यूजीलैंडकनाडा के साथ ही व्यापार करार करने पर चर्चा की जा रही है। रुपए के कमज़ोर होने का जितना फायदा निर्यातकों को मिलनी चाहिए वो निर्यातक नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि आयात पर इसकी पूरी मार पड़ रही है। और इसका खामियाजा देश की जनता भुगत रही है।

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