गुरुवार, 14 जून 2007

टिनप्लेट में मीठा निवेश

टिनप्लेट टाटा की कंपनी है। करीब 85 साल पुरानी इस कंपनी का भारतीय टिनप्लेट बाजार पर एकाधिकार है। कंपनी का मार्केट शेयर इस समय 40 परसेंट के करीब है। कंपनी टिन के डिब्बे, केन(जिसमें शराब, कोल्ड ड्रिंक्स, तेल आदि मिलते हैं), अनाज और दूसरे खाने के सामान रखने के डिब्बे सहित पैकेजिंग क्षेत्र में उपयोग में आने वाली कई तरह के बड़े-छोटे बॉक्स बनाती है।

कंपनी भले ही पुरानी है। लेकिन इसका काम करने का तरीब अब बिल्कुल बदल रहा है। ये कंपनियों के डिमांड पर उत्पाद बनाने के साथ ही अब कंपनियों को अच्छी और नए डिजाइन की पैकेजिंग के लिए प्रोत्साहित भी करती है। यानी कि मार्केट शेयर बढ़ाने का नया तरीका जो कि इस क्षेत्र की दूसरी कंपनियों से इसे आने वाले दिनों में और आगे बढ़ा देगा। इसके कॉलगेट और अदानी जैसे कई बड़े ग्राहक हैं।

रिटेल का युग शुरू हो रहा है। बिड़ला, गोदरेज, रिलायंस, वॉलमार्ट, गोयंका जैसे कई बड़े खिलाड़ी इससे जुड़ चुके हैं। और आने वाले दिनों में कई बड़े मल्टीनेशनल रिटेलर भारत में अपना कारोबार करने के लिए कतार में खड़े हैं। हजारों करोड़ रुपए के रिटेल बिजनेस का फायदा टिनप्लेट को बड़े पैमाने पर होगा। क्योंकि बिग बाजार, मेगा मॉल, सुपर मॉल में समानों की पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है। और शायद यही वजह है कि टिनप्लेट ने खुद को ट्रांसफॉर्म करने का इरादा बना लिया है। यानी अब कंपनी केवल 'टिनप्लेट मैन्युफैक्चरर' ही नहीं होगी दुनियां इसे 'मेटल पैकेजिंग सॉल्यूशन प्रोवाइडर' के रुप में जानेगी।

फिलहाल कंपनी अपने उत्पादन का करीब 25 परसेंट हिस्सा एक्सपोर्ट करती है। कंपनी का ज्यादातर एक्सपोर्ट दक्षिण पूर्व एशिया, मिडिल ईस्ट और यूरोप के कुछ अमीर देशों को होता है। आने वाले दिनों में कंपनी का इरादा कुछ और देशों में एक्सपोर्ट करने का है। साथ ही कंपनी ने एशिया के टिनप्लेट बिजनेस का एक बड़ा खिलाड़ी बनने का लक्ष्य रखा है।

भारतीय पैकेजिंग इंडस्ट्री में टिनप्लेट के लिए असीम संभावनाएं हैं। क्योंकि इस समय करीब 50 हजार करोड़ रुपए के कुल पैकेजिंग इंडस्ट्री में टिनप्लेट पैकेजिंग की हिस्सेदारी करीब 6 परसेंट ही है। लेकिन इसके 10 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है। साथ ही घरेलू पैकेजिंग इंडस्ट्री सलाना करीब 20 परसेंट की दर से बढ़ रही है। और आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।

इंडियन प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री का एक्सपोर्ट साल दर साल 200 परसेंट से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रहा है। 2002-2003 में इस सेक्टर से 17600 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हुआ। जो कि 2003-2004 में बढ़कर 53000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री के बढ़ते एक्सपोर्ट में पैकेजिंग का फायदा टिनप्लेट को मिलेगा।

दुनियाभर में फूड पैकेजिंग इंडस्ट्री का करीब 87 परसेंट पैकेजिंग टिनप्लेट में ही की जाती है। क्योंकि इसमें खाने के स्वाद को ज्यादा समय तक बचाए रखने की शक्ति होती है। साथ ही इसमें रखे गेहूं, चावल, दाल के महत्वपूर्ण तत्व सालों तक बचे रहते हैं। लेकिन भारत के फूड पैकेजिंग इंडस्ट्री में टिनप्लेट की हिस्सेदारी काफी कम है। पर हां, बड़े-बड़े रिटेलरों के आने से इसकी ज्यादा से ज्यादा यूज होने की संभावना बनी है।

कंपनी ने अपने जमशेदपुर स्थित प्लांट में 210 करोड़ रुपए का निवेश किया है। ताकि उत्पादन क्षमता को 2008 तक बढ़ाकर 3 लाख 80 हजार टन किया जा सके। टिनप्लेट का इको फ्रेंडली होना भी इसका एक प्लस प्वाइंट है। जैसे जैसे लोगों में प्रर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। प्लास्टिक का यूज कम होने लगेगा। और उसका जगह लेने लगेगा टिनप्लेट।

यानी अगर आप सचमुच स्टील जैसा मजबूत निवेश करना चाहते हैं। तो टिनप्लेट एक बेहतर ऑप्शन है। क्योंकि इस कंपनी से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: मेरे पास टिनप्लेट के कुछ शेयर हैं

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

chonu!!!

Best article.khub bhalo likhechish.

bhoot

Kumar Kaustubha ने कहा…

badhia hai, but kya soorat bana rakhi hai aapne, naya look?

Unknown ने कहा…

" guru vani " is informative, useful and getting better day by day. It is lighthouse for AAM AADMI.

who cares... ने कहा…

good job...keep it up...