गुरुवार, 22 मई 2008

ब्रांडेड तेल का खेल



अब भले ही तेल कंपनियों ने सिर्फ ब्रांडेड तेल बेचने के विचार को फिलहाल ठंढे बस्ते में डाल दिया है लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसा सोचने पर वो मजबूर क्यों हैं। अगर पेट्रोल और डीजल की मार्केटिंग करने वाली कंपनियों देश के सभी मैट्रो सहित बैंगलुरू और पुणे जैसे कुछ 18 शहरों में केवल ब्रांडेड डीजल और पेट्रोल बेचती हैं तो जाहिर तौर पर उनका नुकसान थोड़ा कम होगा।
 
लेकिन ऐसा होने पर इन शहरों में रहने वाले लोगों को प्रति लीटर पेट्रोल पर तीन से चार रुपए ज्यादा खर्च करने होंगे। जबकि प्रति लीटर डीजल पर दो से सवा दो रुपए ज्यादा खर्च करने होंगे। सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का विचार है कि देश के प्रमुख शहरों में केवल ब्रांडेड पेट्रोल और डीजल पर ही जोर दिया जाए। ये कंपनियां ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ब्रांडेड तेलों की सप्लाई इन शहरों में बढ़ा चुकी हैं।
 
डीजल के भाव (रु/लीटर)
----------साधारण ----------ब्रांडेड
दिल्ली---- 31.76--------- 35.76
कोलकाता- 33.92------ ---37.92
मुंबई- ----36.08--------- 40.08
चेन्नई --- 34.40-------- -38.40

पेट्रोल के भाव (रु/लीटर)
----------साधारण---------ब्रांडेड
दिल्ली- ---45.52---- ---47.52
कोलकाता- 48.95--- ----50.95
मुंबई----- 50.51--------52.51
चेन्नई---- 49.61------- 51.61


इंडियन ऑयल का ब्रांड है प्रीमियम, जबकि भारत पेट्रोलियम के ब्रांडेड तेल स्पीड के नाम से बिकते हैं। वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम पॉवर ब्रांड के नाम से पेट्रोल और डीजल बेचती है। ऐसे में ब्रैंडेड तेल, जिनकी कीमतों की लगाम कंपनियों के हाथ में होगी, और समय पड़ने पर बिना सरकार को मुंत ताके कंपनियां इनकी दाम बढ़ा पाएंगीउनकी ज्यादा बिक्री से उनका नुकसान कम होगा क्योंकि हर लीटर साधारण पेट्रोल पर उन्हें 24 रुपए और साधारण डीजल पर 17 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। 

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

ऐसा करना आयल कंपनियों की मजबूरी है क्‍योंकि सरकार तो चुनावों के मौसम में दाम बढाने से रही और घाटा है कि बढता ही जा रहा है।

Hemant Pandey ने कहा…

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