महंगाई से लोगों को फिलहाल निजात नहीं मिलने वाली है। सरकार ने
पेट्रोल की कीमतों में प्रति लीटर साढ़े सात रुपए इजाफा करने का ऐलान किया है। नई
दरें आज रात से लागू होंगे।
आखिरकार सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान कर ही
दिया है। और ये इजाफा एक या दो रुपए का नहीं बल्कि साढ़े सात रुपए का किया गया है।
तेल मार्केटिंग कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। हालांकि
सरकार के इस कदम से पहले से परेशान आम लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। तेल की
कीमतों को बढ़ाने के लिए सरकार कितनी बेचैन थी कि संसद के बजट सत्र खत्म होते ही
इसका ऐलान कर दिया।
अब दिल्ली में प्रति लीटर
पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपए से बढ़कर 73.14 रुपए हो जाएगी। मुबंई में एक लीटर पेट्रोल की
कीमत 70.66 रुपए से बढ़कर 78.16रुपए पर पहुंच गयी है। जबकि कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 70.03
रुपए से बढ़कर 77.53
रुपए हो गई है। और
चेन्नई में पेट्रोल के भाव 69.55रुपए के बढ़कर 77.05
रुपए पर पहुंचा गया
है।
तेल मार्केटिंक कंपनियों का घाटा बढ़ने की पीछे
रुपए का कमजोर होना भी एक बड़ी वजह है। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने कहा है
कि रुपए के 100 पैसे कमजोर होने से भारतीय तेल मार्केटिंग कंपनियों को 8000 करोड़
रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। यानी कि केवल एक साल में रुपए की कमजोरी की वजह से
तेल मार्केटिंग कंपनियों को 80000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। क्योंकि
पिछले साल डॉलर के मुकाबले रुपया 46 पर था जो कि गिरकर 56 के पार पहुंचा चुका है।
साथ ही अंतरराट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर
पहुंच चुकी है। ऐसे में सरकार को आनन फानन में पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने के लिए
मजबूर होना पड़ा है।
हालांकि पहले से ही यूपीए टू को आंख दिखा रही और तीसरी
सालगिरह पर में नदारद सहयोगी पार्टी इस फैसले को वापस लेने पर मजबूर करती है या
इसमें कुछ कटौती करा पाती है ये देखने वाली बात होगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें