बुधवार, 15 अगस्त 2012

पीएम जी मर्ज़ तो गिना दिए दवा कहां है?

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित करते हुए उन आर्थिक मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जो सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां बन गए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री ने इन चुनौतियों से निबटने के कोई ऊपाय नहीं बताए।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं लिए स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक चुनौतियों के एक एक कर गिना दिया। लेकिन इन चुनौतियों के लिए सरकार क्या कर रही है या क्या करेगी.. इसपर चुप्पी साधे रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक सर्वसम्मति न बन पाने की वजह से आर्थिक विकास की गति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लेकिन सर्वसम्मति के लिए सरकार क्या कर रही है या करेगी..इसपर कुछ नहीं कहा।

पीएम ने चेतावनी दी कि अगर आर्थिक विकास की गति नहीं बढ़ी साथ ही निवेश को बढ़ावा नहीं दिया गया और सरकारी राजकोष का ठीक से प्रबंधन नहीं किया गया तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बुरा असर पड़ेगा। लेकिन ये नहीं बता पाए की आर्थिक विकास, निवेश और राजकोष के लिए सरकार क्या कर रही है या करेगी।

महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मॉनसून में हुई गड़बड़ी की वजह से महंगाई पर काबू पाना मुश्किल साबित हो रहा है। यानी मॉनसून को जिम्मेदार बताकर उन्होंने बढ़ती महंगाई से पूरी तरह अपना पल्ला झाड़ लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने जो कठिन समस्याएं हैं उनका समाधान लोगों की सहभागिता से ही निकल सकता है। लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रही जनता से किसतरह की सहभागिता सरकार चाह रही है इसपर प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल पाए।

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