सोमवार, 6 अगस्त 2012

ईएमआई में राहत के संकेत


वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और ग्रोथ  में तेजी लाने के लिए नए रोडमैप का ऐलान किया है। साथ ही चिदंबरम ने कहा है कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए वो आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम करेंगे।

आसमान पर पहुंच चुकी ब्याज दरों से लोगों को राहत दिलाने के लिए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आरबीआई गवर्नर डी सुब्बाराव के साथ मुलाकात की। बढ़ते राजकोषीय घाटे और कम होती विकास दर पर चिंता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने माना है कि फिलहाल देश में ब्याज दरें काफी ज्यादा हैं। और इससे कंज्यूमर का विश्वास डगमगा रहा है। जिसे संभालने के लिए थोड़ा रिस्क लिया जा सकता है। यानी आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कमी की जा सकती है।

वित्त मंत्री ने कहा जहां तक महंगाई का सवाल है.. इसपर मीडियम टर्म तक काबू कर लिया जाएगा। और इसके लिए वो आरबीआई के साथ मिलकर काम करेंगे। दरअसल महंगाई दर के बढ़ने की वजह से आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाती हैं ताकी महंगाई पर लगाम लगाम लगाई जा सके। लेकिन इसका साइड इफैक्ट ये होता है कि महंगी ईएमआई की वजह से खरीदार बाजार से दूर होने लगते हैं और कंपनियों का प्रोडक्शन कम होने लगते हैं। इसका असर देश की ग्रोथ और लोगों के रोजगार पर पड़ता है। इसे दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स एक्ट में सुधार और गार को लेकर जो उलझनें हैं उसे जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा। 

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