सोमवार, 20 अगस्त 2012

यूपीए और एनडीए सरकार के दौरान महंगाई

यूपीए के कार्यकाल में महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि यूपीए टू के इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा इस बढ़ती महंगाई से खुश नज़र आ रहे हैं। यूपीए सरकार और एनडीए सरकार के दौरान महंगाई की क्या स्थिति थी दिखाते हैं इस खास रिपोर्ट में।


लगातार बढ़ रही महंगाई ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। आमलोगों की बजट में महंगाई सेंध लगा रही है। लोगों की कमाई पूरी तरह से महंगाई की भेंट चढ़ चुकी है। इस बढ़ती महंगाई को रोकने में यूपीए सरकार पूरी तरह विफल रही है।

एनडीए सरकार में चीनी 16 रुपए प्रति किलो मिलती थी जो कि अब 42 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है। वहीं आटा प्रति किलो 10 रुपए में मिलता था जो कि अब 22 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंचा है। सरसों तेल 60 रुपए से बढ़कर 130 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। जबकि चावल 19 रुपए से बढ़कर 40 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। अरहर दाल 60 रुपए से बढ़कर 80 रुपए प्रति किलो हो गई है। दूध का भाव 17 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 42 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। प्याज 10 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 30 रुपए प्रति किलो पर जा पहुंचा है। वहीं आलू 5 रुपए से बढ़कर 20 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। वहीं डीजल 21 रुपए से बढ़कर 42 रुपए और पेट्रोल 33 रुपए से बढ़कर 69 रुपए प्रति लीटर पर जा पहुंचा है।


यूपीए सरकार के दौरान खूब बढ़ी महंगाई

              एनडीए सरकार       यूपीए सरकार
चीनी            16 रु/किलो              42 रु/किलो
आटा            10 रु/किलो              22 रु/किलो
सरसों तेल        60 रु/लीटर             130 रु/लीटर
चावल            19 रु/किलो             40 रु/किलो
अरहर दाल        60 रु/किलो             80 रु/किलो
दूध              17 रु/लीटर             42 रु/लीटर
प्याज            10 रु/किलो             30 रु/किलो   
आलू             5 रु/किलो              20 रु/किलो
डीज़ल           21 रु/लीटर              42 रु/लीटर
पेट्रोल            33 रु/लीटर             69 रु/लीटर

साल दर साल बढ़ रही महंगाई का जवाब यूपीए सरकार के पास नहीं है। इसलिए सरकार अजीबोगरीब बयान देकर इससे बचना चाह रही है। महंगाई के मुद्दे पर पहले तो सरकार कान में तेल डालकर सोई हुई थी। और जब जगी तो इसके लिए दुनियाभर की आर्थिक परिस्थित को जिम्मेदार बता दिया। उसके बाद यूपीए टू की सरकार कम मॉनसून का रोना रोने लगी। और आखिर में तो हद ही हो गया.. जब सरकार के एक केंद्रीय मंत्री ने ये कह दिया कि महंगाई से वो खुश हैं। 

देश की करोड़ों जनता जहां महंगाई की मार से परेशान है वहीं यूपीए सरकार इससे खुश है। इससे सरकार की मंशा जाहिर हो जाती है कि वो सत्ता के मद में पूरी तरह अंधी हो चुकी है और आम लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुहं मोड़ चुकी है।

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