तगड़ी
सुरक्षा के बीच मारुति के मानेसर प्लांट में कामकाज आज से शुरू हो गया। मैनेजमेंट
ने पांच सौ कर्मचारियों बर्खास्तगी पर कामय है। साथ ही अस्थआई कर्मचारियों की को
स्थाई नहीं बनाना चाह रही है। लेकिन मारुति के मानेसर और
गुड़गांव प्लांट के कर्मचारी यूनियन इससे खुश नहीं हैं।
मारुति
सुजुकी के मानेसर प्लांट में एक महीने
बाद कामकाज फिर से शुरू हो गया है। 18 जुलाई की हिंसा के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मारुति
सुजुकी का मानेसर प्लांट मंगलवार से खुल गया है। प्लांट में फिलहाल 300 कर्मचारियों ने उत्पादन शुरू किया है। इन
कर्मचारियों और प्लांट को 500 पुलिसकर्मियों की तरफ से सुरक्षा दी जा रही है। 300
पुलिसकर्मियों को प्लांट के बाहर और 200 कर्मचारियों को प्लांट के अंदर तैनात किया
गया है। इसके साथ ही कंपनी ने एक स्पेशन फोर्स तैयार किया है जिसमें 100 सुरक्षाकर्मी
हैं।
पिछले महीने मानेसर प्लांट में हुई हिंसा के बाद कंपनी ने 500 कर्मचारियों को
बर्खास्त कर दिया था। मारुति के गुड़गांव प्लांट के कर्मचारी यूनियन की तरफ से भी
कर्मचारियों को बहाल कराने का मैनेजमेंट पर दबाव है। हालांकि मारुति
सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा है कि गुड़गांव प्लांट के यूनियन की तरफ से
काम ठप करने की कोई धमकी नहीं मिली है।
साथ ही मारुति सुजुकी के कर्मचारी यूनियन
की मांग है कि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई बनाई जाए। लेकिन कंपनी इसके लिए तैयार
नहीं है। मैनेजमेंट ने दलील दी है कि अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किए जाने से
मार्जिन पर दबाव पड़ेगा। साथ ही अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले का
असर मारुति सुजुकी के अलावा मानेसर की दूसरी कंपनियों पर भी देखने को मिलेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें