मंगलवार, 14 जून 2011
मध्य एशिया में बढ़ा रहा चीन अपना दबदबा
मध्य एशिया में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए चीन शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी सीएसओ की ताकत बढ़ा रहा है। सीएसओ की अगली बैठक कज़ाकिस्तान की राजधानी एस्टाना में 15 और 16 जून को होने वाली है। जिसमें रुस और ईरान के साथ भारत भी शामिल हो रहा है। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों सहित ड्रग्स और आतंकवाद पर चर्चा होगी।
कजाकिस्तान की राजधानी एस्टाना में होने वाली बैठक में रुस के राष्ट्रपित डेमिट्री मेदवेदेव हिस्सा ले रहे हैं। इससे ये बैठक और अहम हो जाती है। क्योंकि रुसी राष्ट्रपति बैठक के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदीनेजाद और अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात करेंगे। शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के जरिए चीन सेंट्रल एशिया में अपने प्रभाव बढ़ाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अमेरिका के खिलाफ एक धुरी तैयार करने में लगा है। साथ ही सेंट्रल एशिया में तेल के खजाने पर अपना बर्चस्व बनाने में लगा है।
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन में चीन,रुस,किर्गिस्तान,कजाकिस्तान, तज़ाकिस्ता और उजबेकिस्तान सहित कुल छे स्थाई सदस्य हैं। जबकि ईरान, भारत, मंगोलिया, औऱ पाकिस्तान इस संगठन में ऑब्जर्बर की भूमिका में हैं। शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का प्रभाव पिछले कुछ सालों से काफी बढ़ा है। और आने वाले दिनों इसके और बढ़ने के अनुमान हैं। पिछले कुछ सालों में इस ऑर्गेनाइजेशन ने सेंट्रल एशिया में कई ज्वाइंट मिलिट्री एक्सराइज भी किए हैं।
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1 टिप्पणी:
मध्य एशिया सामरिक और आर्थिक दृष्टि से काफी अहम है। इसपर भारत की भी एक ठीस नीति होनी चाहिए।
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