शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

3 साल के एफडी पर टैक्स में छूट

पांच साल के बदले 3 साल के बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स छूट देने पर सरकार विचार कर रही है। इसका ऐलान आगामी आम बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी कर सकते हैं। इससे टैक्स भरने वाले मिडल क्लास को कुछ राहत मिल सकती है।

टैक्स बचत के लिए अब ज्यादा समय तक अपने पैसे बैंकों में जमा करने की ज़रूरत नहीं होगी। क्योंकि टैक्स में छूट के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की सीमा 3 साल की जा सकती है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी 16 मार्च को बजट पेश करने के दैरान इसका ऐलान कर सकते हैं। यानी कि आने वाले वर्षों में 80 सी के तहत टैक्स सेविंग के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट एक बेहतरीन विकल्प बनने वाला है। क्योंकि इसके अलावे जो दूसरे टैक्स सेविंग प्रोडक्ट हैं वो इतने प्रभावी नहीं है।

- पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 15 साल का लॉकिन पीरियड है। हालांकि 7 साल बाद निवेशक चाहे तो पैसे निकाल सकता है। इसपर 8.6 फीसदी रिटर्न मिलता है। जो कि टैक्स फ्री है।
- जबकि एनएससी यानी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में लॉकिन पीरियड 6 साल का है। जिसपर 8 फीसदी रिटर्न मिलता है। हालांकि इसपर टैक्स लगता है।
- इएलएसएस यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में 3 साल का लॉकिन पीरियड है। लेकिन इसपर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। शेयर बाजार की स्थिति ठीक रहने पर इसपर बेहतर रिटर्न मिल सकता है। जो कि टैक्स फ्री होगा।
- फिलहाल बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 5 साल का लॉकिन पीरियड है। और इसपर 8.75 फीसदी का रिटर्न मिलता है।

दरअसल ऊंची ब्याज दर का दौर आने वाले दिनों में खत्म होने वाला है। ऐसे में लोग पांच साल के लिए अपना पैसा बैंकों में फंसाना नहीं चाहेंगे। और ऐसा होने पर लिक्विडिटी और बैड लोन की समस्य से जूझ रहे बैंकों की स्थिति और नाजुक हो सकती है। ऐसे में सरकार टैक्स सेविंग के लिए बैंक एफडी की सीमा कम कर आम लोगों के साथ ही बैंकों को राहत पहुंचा सकती है।

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