सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलीकॉम कंपनियों को जरूर झटका लगा है। लेकिन टेलीकॉम रेग्युलेटर ट्राई का कहना है कि इसका असर ग्राहकों पर कम ही देखने को मिलेगा। क्योंकि जिन कंपनियों के 122 टूजी लाइसेंस रद्द हुए हैं उनके पास केवल 5 फीसदी ग्राहक हैं।
टेलीकॉम रेग्युलेटर ट्राई का कहा है कि देशभर के टेलीकॉम ग्राहकों को ज्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 122 टूजी लाइसेंस रद्द करने के फैसले से ज्यादातर ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने जो लाइसेंस रद्द किए हैं वो 9 टेलीकॉम कंपनियों के हैं। जिनके पास केवल 5 फीसदी ग्राहक हैं। और बाकी के 95 फीसदी ग्राहक उन टेलीकॉम ऑपरेटर्स के हैं जिन्होंने 2008 से पहले 2जी लाइसेंस लिए हैं।
जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द हुए हैं उनके नाम हैं यूनिटेक वायरलेस (22 लाइसेंस),लूप टेलीकॉम(21 लाइसेंस),एस श्याम(21 लाइसेंस), टाटा टेली(3 लाइसेंस), एतिस्लत डीबी(15 लाइसेंस), एस टेली(6 लाइसेंस), वीडियोकॉन(21 लाइसेंस), आइडिया(9 लाइसेंस), और स्पाइस(4 लाइसेंस)। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर इन कंपनियों को ये लाइसेंस का बंदरबांट किया गया था।
ट्राई ने कहा है कि जिस सर्किल में इन कंपनियों के पांच फीसदी ग्राहक हैं उन्हें एमएनपी का ऑप्शन होगा। यानी कि वे ग्राहक मोबाइल नंबर पोर्टेब्लिटी के जरिए एयरटेल, वोडाफोन या दूसरे ऑपरेटर में शिफ्ट करते हैं। और इसके लिए ग्राहकों को विज्ञापनों के जरिए जानकारी दी जाएगी।
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