शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

एसबीआई के डिफाउल्टर होंगे बेनक़ाब

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक इंडिया अब अपने डिफाउल्टरों के फोटो अखबार में छापवाने पर विचार कर रहा है। ताकि लोन ना चुकाने वालों पर उसे वापस करने का दबाव बनाया जा सके। एसबीआई से लोन लेकर उसे नहीं चुकाने वालों में कई बिजनेसमैन शामिल हैं। बैंक के बैड लोन में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कॉरपोरेट लोन की ही है। हालांकि फोटो छापने से पहले बैंक लोन ना चुका पाने वालों को नोटिस भेजेगा। ग्यारह सितंबर 2011 तक बैंक का कुल बैड लोन 33946 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। जो कि एक साल पहले तक 23205 करोड़ रुपए था। ऐसे में बड़ी-बड़ी कारों में चलने वाले और आलीशान बंगलो में रहने वालों के फोटो और नाम आने वाले दिनों अखबारों में डिफाउल्टर की मुहर के साथ दिखना आम हो जाएगा। और अगर इस बदनामी की बड़े लोगों या बिजनेसमैन को चिंता होगी तो वो समय पर ज़रुर अपना लोन देंगे या जानबूझकर डिफाउल्टरों में शुमार होने से बचेंगे। एसबीआई फिलहाल ऐसा ही सोच रही है। लेकिन ये देखने वाली बात होगी कि आज के बिजनेसमैन में बदनामी को लेकर किस तरह की भावना है।

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