सोमवार, 23 जुलाई 2012

17 हज़ार के नीचे पहुंचा सेंसेक्स





हफ्ते के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स पौने तीन सौ अंक लुढ़ककर 17 हजार के नीचे बंद हुआ। जबकि निफ्टी में 80 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। दुनियाभर के बाजारों के लुढ़कने और जबरदस्त बिकवाली के दबाव में भारतीय शेयर बाजार औंधे मुंह गिर पड़ा।

281 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स 17 हजार से नीचे यानी 16877 पर बंद हुआ। जबकि निफ्टी 87 अंक लुढ़ककर 5117 पर बंद हुआ। पिछले ढ़ाई महीनों में ये सबसे बड़ी गिरावट है।
एशियाई बाजारों की गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार खुलते ही लुढ़क गया। दोपहर बाद जब यूरोपीय बाजार में बिकवाली आई तो भारतीय शेयर बाजार में गिरावट और बढ़ने लगी। यानी कि विदेशी बाजारों ने आज घरेलू बाजारों को जोरदार झटका दिया। यूरोजोन के कर्ज को लेकर फिर से संकट सिर उठाने लगा है। इसका भारतीय बाजार पर दिखा।

यूपीए टू के सहयोगी दलों में मनमुटाव से आर्थिक सुधारों की गाड़ी में तेजी की उम्मीद अब टूटती दिख रही है। साथ ही रिटेल सेक्टर में एफडीआई का विरोध बढ़ने की वजह से रिटेल शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। मानेसर प्लांट को लेकर जारी अनिश्चितताओं के चलते मारुति सुजुकी का शेयर करीब 6 फीसदी लुढ़ककर 1,081 रुपए पर बंद हुआ। शेयर बाजार में पिटने वाले शेयरों में दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर भी शुमार हुए।

कोई टिप्पणी नहीं: