बुधवार, 4 जुलाई 2012

आरआईएल को फायदा दिलाना चाहती है पीएमओ!


मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज गैस की कीमतें बढ़ाने के लिए माहौल तैयार करने में जुटी है। प्रधानमंत्री कार्यालय भी मुकेश अंबानी के हित में खड़ी दिखाई दे रही है। अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज को गैस की कीमतें बढ़ाने की इजाज़त मिलती है तो इसकी मार किसानों और आम लोगों पर देखने को मिलेगी। क्योंकि बिजली से लेकर कपड़े और उर्वरक के भाव इससे बढ़ जाएंगे।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी समय से पहले केजी बेसिन डी6 से निकलने वाली गैस की कीमतें बढ़ाने की जुगत में लगे हैं। साल 2007 में मंत्री समूहों की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि गैस निकलने के बाद 5 साल तक रिलायंस इंडस्ट्रीज गैस की कीमतों में इजाफा नहीं करेगी।

साल 2009 से गैस का उत्पादन शुरू हुआ यानी कि साल 2014 तक कीमतें नहीं बढ़नी चाहिए। लेकिन मुकेश अंबानी समय से पहले गैस की कीमतें बढ़ाना चाह रहे हैं। फिलहाल रिलायंस 4.2 डॉलर की दर पर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट गैस बेचती है। जिसे बढ़ाकर 14.2 डॉलर करना चाह रही है। अगर ऐसा होता है तो इससे सरकार को महज 0.43 अरब डॉलर का फायदा होगा जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज को 8 अरब डॉलर का फायदा होगा। और इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ेगी आम लोगों पर क्योंकि फर्टिलाइज, बिजली और टेक्सटाइल की कीमतें इससे बढ़ जाएंगी।

गैस की कीमतों में प्रति डॉलर की बढ़ोतरी से गैस से पैदा होने वाली बिजली प्रति यूनिट करीब 50 पैसे महंगी हो जाएगी। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि यूपीए टू सरकार पहले से महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के हितों का ख्याल रखती है या बड़े कॉरपोरेट घराने की।

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