ईएमआई के भार से फिलहाल लोगों को राहत नहीं मिलेगी। क्योंकि आरबीआई
ने क्रेडिट पॉलिसी के तहत रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। महंगाई
की चिंता की वजह से आरबीआई ने ये कदम उठाया है।
लोगों पर ईएमआई की मार फिलहाल जारी रहेगी। उन्हें हर महीने कार और
होम लोन के बदले महंगी ईएमआई भरते रहना होगा। क्योंकि आरबीआई ने अपनी तिमही
मौद्रिक नीति समीक्षा में अहम दरों में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में रेपो रेट 8 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 7 फीसदी पर कायम
रहेगा। वहीं सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये 4.75 फीसदी पर कायम है।
हालांकि आरबीआई ने एसएलआर 24 फीसदी से घटाकर 23 फीसदी कर दिया है। जो 11 अगस्त से लागू
होगा। एसएलआर यानी स्टैचटॉरी लिक्विडिटी
रेशियो वो अमाउंट है जो कैश या गोल्ड या सरकारी बांड के तौर पर बैंकों को रखना
होता है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2013
में महंगाई दर का अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है।
वित्त वर्ष 2013 में जीडीपी दर का अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। आरबीआई
गवर्नर डी सुब्बाराव का कहना है कि महंगाई दर 7 फीसदी के ऊपर बने रहना काफी चिंताजनक
है। आरबीआई की पहली प्राथमिकता महंगाई को काबू करने में होगी। और महंगाई पर लगाम
लगाने के लिए ब्याज की ऊंची दरें ज़रूरी हैं। यानी जबतक महंगाई कम नहीं होती..भारी
ईएमआई से निजात मिलना संभव नहीं है।
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