शुक्रवार, 12 अगस्त 2011
बढ़ा देश का औद्योगिक विकास दर
सरकार के लिए कुछ राहत की खबर काफी दिनों बाद आई है। देश का औद्योगिक विकास दर में इजाफा हुआ है। जून महीनें में देश का औद्योगिक विकास दर बढ़कर 8.8 फीसदी पर पहुंच गया है। इससे पहले महीने में ये 5.6 फीसदी था। जो कि 9 महीनों का निचला स्तर था।
हालांकि औद्योगिक विकास दर की इस तेजी का असर ब्याज दरों पर देखा जा सकता है। इससे आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक बार फिर से कर्ज महंगा कर सकता है। क्योंकि महंगाई लगतार बढ़ रही है। अगली मिड-टर्म क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान 16 सितंबर को होने वाली है। लेकिन एचएसबीसी की प्रमुख नैनालाल किदवई इससे इत्तेफाक नहीं रखती हैं। नैना का मानना है कि ब्याज दरें अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच चुकी हैं। और आने वाले दिनों में इसमें गिरावट ही देखने को मिल सकती है।
अगर मैन्युफैक्चरिंग विकास दर की बात करें तो ये भी उत्साहजनक रहा है। जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 10 फीसदी रहा जो कि मई महीने में 5.6 फीसदी था। अमेरिका और यूरोप की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए देश के औद्योगिक संगठन फिक्की कर्ज सस्ते करने की मांग कर रही है। लेकिन खाद्य महंगाई दर के फिर से करीब 10 फीसदी पर पहुंच जाने से ऐसा लगता नहीं कि आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी में कुछ नर्मी फिलहाल दिखाएगी।
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1 टिप्पणी:
kafi dinon baad khushkhabri...
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