बुधवार, 17 अगस्त 2011

सभी राजनीतिक दल बनाम अन्ना

अन्ना हज़ारे के पीछे देश के करोड़ों लोग हैं। क्योंकि हर कोई भ्रष्टाचार में पिस रहा है। और हर किसी को भ्रष्टाचार से आजादी चाहिए। लेकिन अन्ना और उनकी टीम को फूंक फूंक कर कदम रखने की जरूरत है। तभी भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ा जा सकता है। क्योंकि सरकार की बातों से लगता है कि किसी भी कीमत पर सरकार झुकने को तैयार नहीं है। 64 सालों से सरकार की रगों में भ्रष्टाचार का खून दौड़ रहा है। और इसे एक झटके में निकाल पाना संभव नहीं है। कोई भी दल का अन्ना को समर्थन नहीं है। बीजेपी की सुषमा स्वाराज ने कहा कि उन्हें भी अन्ना के जन लोकपाल बिल पर आपत्ति है। वो तो बस मानवाधिकार के लिए अन्ना के साथ हैं। लगभग यही रवैया देश के दूसरे दलों का भी है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने तो यहां तक कह दिया की फौज और पुलिस उनके साथ है। और वो संसद में ताला लगने नहीं देंगे। लेकिन संसद में ताला लगाना कौन चाहता है। देश की जनता तो केवल संसद में पहुंच चुके भ्रष्टाचार के दीमकों को हटाना चाह रही है। नहीं तो ये दीमक इस देश को चाटकर खोखला कर देगी। अन्ना के इस आंदोलन को धीरे-धीरे विकराल रूप देने की जरूरत है। तभी इन नेताओं को समझ में आएगी की कि जिस संसद की दंभ वो भर रहे हैं। वो हमारे आपके जैसे आम लोगों के दम पर वहां पहुंचे हैं। और हमारा हित करने के लिए ये वहां पहुंचे हैं। अगर वो ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें वहां से उखाड़ फेंका जा सकता है। अन्ना और उनके टीम को अब आगे की रणनीति पर विचार करने की ज़रूरत है। और शुद्धीकरण के इस बयार को तूफान का रुप देने की ज़रूरत है। इसके लिए उन्हें कुछ बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत होगी। एक बड़ा टीम बनाने की ज़रूरत है। जो कि देशभर में फैली हो। हर राज्य हर जिले में एक मुख्यालय बनाकर इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के अधिकारी नियुक्त करने होंगे। और इसके लिए लोगों की कमी नहीं है। क्योंकि देशभर में लोग अपना काम धंधा छोड़कर सबसे पहले और सबसे अहम इस काम यानी भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए सिर पर कफ़न बांध कर तैयार हैं। बस उन्हें चुनकर कर उनके कंधों पर ज़िम्मेदारी देने भर की ज़रूरत है। उसके बाद खुद ब खुद ये आंदोलन अपना रास्ता बना लेगी।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

anna ko phoonk phook kar kadam rakhna hoga.