शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
सरकारी बैंकों में रहा काम-काज ठप्प
आज देशभर के सरकारी और कुछ निजी बैंकों में कामकाज ठप्प रहा। बैंकिंग रिफॉर्म के विरोध में करीब 10 लाख बैंककर्मियों की हड़ताल के कारण देश भर में बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। इस हड़ताल की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की हड़ताल की वजह से आज देशभर में बैंकिंग सेवा बुरी तरह प्रभावित रही।
सरकारी बैंकों के अलावा निजी और विदेशी बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारियों ने कामकाज रोक दिया। इस हड़ताल का राष्ट्रव्यापी असर हुआ। चेक क्लियरिंग कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित रहा। पांच बैंक कर्मचारी और चार बैंक अधिकारी संगठनों को मिलाकर यूनाईटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस यानी यूएफबीयू का गठन किया गया है। यूएफबीयू ने ये हड़ताल अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर की थी। इन मांगों में सरकारी क्षेत्र के बैंकों का विलय रोकना, स्थाई बैंकिंग नौकरियों का निजी बैंकों से आउटसोर्सिग रोकना, खाली पदों को भरना, मुआवजे के आधार पर पारिवार के सदस्य को नौकरी और आवास, कार और अन्य ऋणों के लिए निशा-निर्देश तय करना शामिल है।
प्राइवेट बैंकों में इसका ज्यादा असर नहीं देखने को मिला क्योंकि कुछ पुरानी और छोटे प्राइवेट बैंक ही इस संगठन के सदस्य हैं। आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक में बिना किसी रुकावट के काम-काज होता रहा। राज्यसभा में वाम दलों सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने बैंक हड़ताल का मुद्दा उठाते हुए सरकार से सरकारी बैंकों का निजीकरण नहीं करने और इस संबंध में बयान देने की मांग की।
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1 टिप्पणी:
चलिए कहीं तो कर्मचारियों में एकजुटता दिखी..क्योंकि देश में कोई लेबर लॉ तो है नहीं...गधों की तरह काम करने को मज़बूर हैं लोग कॉरपोरेट वर्ल्ड में...
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