मंगलवार, 30 अगस्त 2011

मारुति के मानेसर प्लांट में हड़ताल जारी

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट के कर्मचारियों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है। कर्मचारी संगठनों और कंपनी के मैनेजमेंट की बीच राजनीति अपने चरम पर है। कंपनी कह रही है कि कर्मचारी जानबूझ कर ठीक काम नहीं कर रहे हैं। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि काम का बहाना बनाकर मैनेजमेंट कर्मचारियों पर नकेल कसना चाह रही है। मारुति के मैनेजमेंट ने अनुशासन तोड़ने और जानबूझकर खराब काम करने के आरोप में आज 7 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। मैनेजमेंट के कड़े रुख को देखते हुए लगता है कि मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट में एकबार फिर हड़ताल लंबा खिंच सकता है। इस प्लांट के कर्मचारियों ने पिछले तीन महीनों में तीसरी बार हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मैनेजमेंट तानाशाही का रास्ता अख्तियार कर चुकी है। 3 महीने पहले कर्मचारियों ने जब नए कर्मचारी संगठन बनाने के लिए हड़ताल की थी तो वो करीब 13 दिनों तक खिंची थी। और वो हड़ताल हरियाणा सरकार के बीच में आने की वजह से खत्म हो पाई थी। लेकिन नए संगठन को मान्यता नहीं मिल पाई। मारुति सुजुकी एम्प्लॉयज यूनियन का कहना है कि आचरण बांड के जरिए मैनेजमेंट कर्मचारियों को पूरी तरह अपने बस में करना चाह रही है। ताकी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद नहीं पाए। ये वही यूनियन है जिसकी मान्यता के लिए मानेसर प्लांट में हड़ताल हुई थी। और कंपनी को करीब 630 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। मारुति सुजुकी के मैनेजमेंट ने मानेसर प्लांट के कर्मचारियों के लिए कारखाने में प्रवेश से पहले बेहतर आचरण बांड पर दस्तखत करना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही कल 15 कर्मचारियों को सस्पेंड और 6 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। जिसके विरोध में कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। मानेसर प्लांट के कर्मचारियों का आरोप है कि मैनेजमेंट कर्मचारियों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। और पुरानी हड़ताल का बदला चुका रही है। वहीं मैनेजमेंट ने दलील दी है कि कर्मचारी जानबूझकर ढ़ीला काम कर रहे हैं। जिससे ना केवल प्रोडक्शन कम हो रहा है बल्कि क्वालिटी के स्तर पर भी बहुत गाड़ियां फेल हो रही हैं। इससे कंपनी हर दिन करीब 25 से 30 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। मैनेजमेंट अब कांट्रैक्ट पर बाहर से वर्कर लाने पर विचार कर रही है।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

desh mei ek labour law ka hona bahut zaroori hai nahi to ye udyogpati mazdooron ki khoon peeti rahegi.