महंगाई की मार लगातार बरकरार हैं। खाने-पीने के सामानों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10 फीसदी को पार कर चुकी है। जिससे आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है।
महंगाई की मार से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। खाने पीने की तमाम चीजें हफ्ते दर हफ्ते महंगी होती जा रही है। खाद्य महंगाई दर पांच महीनों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा तेजी फलों और सब्जियों की कीमतों में दर्ज की जा रही हैं।
20 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में महंगाई दर बढ़कर 10.05 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले हफ्ते में यानी 13 अगस्त को खत्म हफ्ते में ये दर 9.8 फीसदी थी।
खाद्य महंगाई दर को दहाई अंकों यानी डबल डिजीट में पहुंचाने में प्याज की कीमतों का अहम योगदान है। प्याज की कीमतों में पिछले एक साल में 57 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। जबकि फलें 21 फीसदी और सब्जियां 15 फीसदी से ज्यादा महंगी हुई हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई रुकने का नाम नहीं ले रही है।
रिजर्व बैंक ने भी महंगाई पर काबू पाने के लिए मार्च 2010 के बाद 11 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। लेकिन महंगई बढ़ती ही जा रही है। और लोगों को बेहाल कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस महीने अपनी क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा के दौरान आरबीआई एकबार फिर से अपनी अहम दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकती है।
गुरुवार, 1 सितंबर 2011
महंगाई की मार, सरकार लाचार
महंगाई की मार लगातार बरकरार हैं। खाने-पीने के सामानों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10 फीसदी को पार कर चुकी है। जिससे आम लोगों के किचन का बजट बिगड़ गया है।
महंगाई की मार से लोगों का हाल बेहाल हो रहा है। खाने पीने की तमाम चीजें हफ्ते दर हफ्ते महंगी होती जा रही है। खाद्य महंगाई दर पांच महीनों के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा तेजी फलों और सब्जियों की कीमतों में दर्ज की जा रही हैं।
20 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में महंगाई दर बढ़कर 10.05 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले हफ्ते में यानी 13 अगस्त को खत्म हफ्ते में ये दर 9.8 फीसदी थी।
खाद्य महंगाई दर को दहाई अंकों यानी डबल डिजीट में पहुंचाने में प्याज की कीमतों का अहम योगदान है। प्याज की कीमतों में पिछले एक साल में 57 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। जबकि फलें 21 फीसदी और सब्जियां 15 फीसदी से ज्यादा महंगी हुई हैं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई रुकने का नाम नहीं ले रही है।
रिजर्व बैंक ने भी महंगाई पर काबू पाने के लिए मार्च 2010 के बाद 11 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। लेकिन महंगई बढ़ती ही जा रही है। और लोगों को बेहाल कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस महीने अपनी क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा के दौरान आरबीआई एकबार फिर से अपनी अहम दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकती है।
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1 टिप्पणी:
sarkar ko fraud aur scam se fursat kahan hai jo mahngai roke.
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