गुरुवार, 22 सितंबर 2011
शेयर बज़ार में कोहराम
जबरदस्त बिकवाली की वजह से भारतीय शेयर बाजार में आज हाहाकार मच गया। सेंसेक्स और निफ्टी औंधे मुहं गिर गए। शुरूआती कारोबार से बिकवाली हावी रही। जैसे-जैसे कारोबार आगे बढ़ा सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट भी बढ़ने लगी।
भारतीय शेयर बाजार में 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। ऑटो, बैंक, कैपिटल गुड्स सहित सभी सेक्टर्स धराशायी हो गए। अमेरिका और यूरोपीय अर्थव्यवस्था के कर्ज संकट में फंसने और दुनियाभर के कई देशों की अर्थव्यवस्था पर मंदी का तलावर लटकने की वजह से एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई। और इससे भारतीय बाजार भी नहीं बच पाया। बाजार बंद होने के सेंसेक्स 704 अंकों की गिरावट के साथ 16361 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 209 अंक लुढ़ककर 4923 पर बंद हुआ।
वहीं दूसरी ओर रुपया भी लुढ़क गया । रुपया दो साल के निचले स्तर पर जा पहुंचा। रुपए के लुढ़कने से 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 49 रुपए के पार जा पहुंचा। केवल तीन हफ्ते पहले एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 46 रुपए से भी कम थी। रुपए की कमज़ोरी का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर दिखा।
रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स के शेयर सबसे ज्यादा करीब साढ़े नौ फीसदी लुढ़क गए। इसके अलावा सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शमिल हुए रिलायंस कम्युनिकेशंस, डीएलएफ, स्टरलाईट इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स। निफ्टी में अगस्त 2009 के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट है। अमेरिकी और यूरोपीय अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे मंदी के बादल ने भारतीय बाजार को हिला कर रख दिया। और उसमें रुपए की कमज़ोरी ने आग में घी का काम किया।
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