गुरुवार, 8 सितंबर 2011
RIL के खिलाफ क्यों नहीं हो रही कार्रवाई!
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी सीएजी ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में पूरा का पूरा डी6 ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास छोड़ने के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर सवाल उठाए हैं। सीएजी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी बेसिन डी6 ब्लॉक पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में ये सावल उठाए हैं। इस रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर प्रोडक्शन शेयरिंग करार के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
सीएडी की रिपोर्ट में ये बात साफ किया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने केजी बेसिन के डी6 ब्लॉक का पहला फेज पूरा हो जाने के बाद एरिया का 25 फीसदी सरकार को वापस नहीं किया है। यही नहीं एरिया वापस करने से पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज पर फेज 2 का काम भी शुरू कर दिया।
सीएजी के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिग न होने के बावजूद क्षेत्र पर कब्जा जमा रखा है।
सीएजी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ कदम न उठाए जाने पर डायरेक्टर जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन यानी डीजीएच और पेट्रोलियम मंत्रालय की निंदा की है। सीएजी का मानना है कि डायरेक्टर जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन को रिलायंस इंडस्ट्रीज को एरिया वापस करने के बाद ही फेज 2 शुरू करने की अनुमति देनी चाहिए थी।
लेबल:
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