गुरुवार, 22 सितंबर 2011

ख़तरे में विश्व की अर्थव्यवस्था: आईएमएफ

पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था खतरे की दौर से गुजर रही है। ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने दी है। अमेरिका और यूरोप के आर्थिक संकट में फंसने की वजह से ऐसा हुआ है। इसका असर भारत सहित दुनिया के सभी देशों पर देखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर से मंदी का खतरा मंडरा रहा है। और अगर ऎसा हुआ तो दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं पर भी इसका व्यापक असर पड़ेगा। आईएमएफ के अनुसार ज्यादातर दुनिया की अर्थव्यवस्था तेजी से घटते विकास दर ज़ोन में पहुंच गई है। दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने स्थित में सुधार के लिए जो कोशिशें की हैं या कर रही हैं उसका असर नहीं के बराबर देखने को मिल रहा है। आईएमएफ का मानना है कि इस साल विकसित देशों के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर केवल 1.5 फीसदी के करीब रहेगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था एक नए खतरनाक दौर में पहुंच गई है। आईएमएफ के मुताबिक मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था ने बेहद ही कमजोर सुधार दिखाया है। आईएमएफ के मुताबिक यह सुधार कुछ महीने पहले लगाए गए अनुमान से कहीं कम है। 2008 में दुनिया भर ने जबर्दस्त आर्थिक मंदी का सामना किया था। लेकिन 2010 आते-आते विश्व अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी थी। लेकिन इस साल खासकर अमेरिका और यूरोप में घाटा बढने के साथ ही मंदी की आहट तेज हो गई है। आईएमएफ की तरफ से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी अर्थव्यवस्थाएं फिर से मंदी का शिकार हो सकती हैं। जिसका भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।

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